AIN NEWS 1: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया “दिवाली और क्रिसमस” संबंधी बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके बयान से भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति उनके नजरिए का पता चलता है।
त्रिवेदी ने कहा, “मैं अखिलेश यादव और पूरे देश को बताना चाहता हूं कि घी का दीया जलाना केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह हमारी प्राचीन समृद्धि का प्रतीक है। यह इस बात का प्रमाण है कि उस समय भारत इतना सम्पन्न था कि हर घर में घी का दीपक जलाने की क्षमता थी। हमें इस पर गर्व होना चाहिए, शर्म नहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि आज कुछ लोग पश्चिमी सोच से इतने प्रभावित हैं कि उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करने के बजाय शर्म महसूस होती है। त्रिवेदी ने कहा कि इस मानसिकता से यह साफ झलकता है कि भारतीय गठबंधन (INDIA Bloc) के कई नेता भारत की संस्कृति, हिंदू धर्म और प्रजापति समाज की समृद्ध परंपराओं से नफरत करते हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत की पहचान उसकी सभ्यता और संस्कारों से है। “दीपावली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि यह हमारे आध्यात्मिक वैभव और सामूहिक समृद्धि का प्रतीक है। जब हम घी का दीया जलाते हैं, तो वह केवल रोशनी नहीं फैलाता, बल्कि यह संदेश देता है कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, प्रकाश अंततः जीतता है।”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जो लोग इस भावना को नहीं समझते, वे केवल राजनीति के नजरिए से त्योहारों को देखते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का बयान यह दर्शाता है कि वे अपनी जड़ों से कट चुके हैं। “भारत का समाज हमेशा सभी धर्मों के त्योहारों का सम्मान करता आया है, लेकिन अगर कोई हमारी परंपराओं का मज़ाक उड़ाता है, तो जनता उसे माफ़ नहीं करेगी।”
त्रिवेदी ने यह भी कहा कि देश में कुछ नेता ‘धर्मनिरपेक्षता’ के नाम पर हिंदू परंपराओं को निशाना बनाते हैं, लेकिन जब बात अन्य धर्मों की आती है, तो वही लोग चुप्पी साध लेते हैं। यह दोहरा रवैया जनता को भलीभांति दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, “यह वही मानसिकता है जो दीपावली के समय पटाखों पर रोक की बात करती है, लेकिन क्रिसमस या न्यू ईयर पर पूरी रात आतिशबाजी होती है, तब कोई सवाल नहीं उठता। यही मानसिकता आज देश में विभाजन और भ्रम फैलाने का काम कर रही है।”
सुधांशु त्रिवेदी ने सपा प्रमुख को यह सलाह भी दी कि वे भारतीय संस्कृति को नीचा दिखाने के बजाय उसे समझने की कोशिश करें। उन्होंने कहा, “अगर आप वास्तव में जनता से जुड़ना चाहते हैं, तो भारत की मिट्टी की खुशबू को महसूस करें। यह देश उन लोगों का नहीं जो अपनी जड़ों को भूल गए हैं, बल्कि उन लोगों का है जो अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं।”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज फिर से अपनी संस्कृति, गौरव और परंपरा को वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहा है। दीपावली जैसे त्योहारों को विश्वभर में मनाया जा रहा है, और यह हमारी पहचान का हिस्सा बन चुका है।
उन्होंने कहा कि अगर देश की विपक्षी पार्टियां अपनी राजनीति को सांस्कृतिक सम्मान के साथ जोड़ लें, तो भारत एक बेहतर दिशा में बढ़ेगा। “पर अफसोस, विपक्ष के कुछ नेता सिर्फ वोट बैंक की राजनीति में इतने उलझे हैं कि उन्हें यह नहीं दिख रहा कि आम जनता भारतीय संस्कृति से कितना गहरा जुड़ाव रखती है।”
अंत में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “अखिलेश यादव जैसे नेता अगर हर बात में पश्चिम का उदाहरण देंगे, तो यह देश उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा। भारतीय समाज को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो अपनी संस्कृति पर गर्व करें, न कि उसे कमतर दिखाने की कोशिश करें।”
BJP spokesperson Sudhanshu Trivedi strongly reacted to Akhilesh Yadav’s Diwali-Christmas remark, accusing him of having a Western mindset that looks down upon Indian culture and Hindu traditions. Trivedi said lighting a ghee lamp is a symbol of India’s ancient prosperity and spiritual strength, and people should be proud of it, not ashamed. The BJP leader added that such remarks expose the INDIA alliance’s dislike for Indian heritage and the values that unite the nation during festivals like Diwali.



















