AIN NEWS 1: ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते चलन के साथ-साथ अब इनसे जुड़े ठगी के मामले भी सामने आने लगे हैं। हाल ही में एक रेडिट यूजर की पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें उसने उबर कूरियर सर्विस से जुड़े धोखाधड़ी के एक नए तरीके का खुलासा किया है। इस पोस्ट ने हजारों लोगों को हैरान कर दिया है क्योंकि मामला किसी टेक्निकल गलती का नहीं, बल्कि सोच-समझकर की गई ठगी का है।
मामला क्या है?
रेडिट पर लिखी गई इस पोस्ट के अनुसार, यूजर ने उबर ऐप के जरिए एक पार्सल डिलीवरी बुक की थी। राइडर ने पार्सल लेने के लिए संपर्क किया, सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन थोड़ी देर बाद राइडर ने ग्राहक से कहा कि वह कुछ तकनीकी कारणों से राइड को कैंसिल कर दें, क्योंकि “सिस्टम में कोई एरर आ गया है”। ग्राहक को लगा कि यह मामूली बात है, इसलिए उसने राइड कैंसिल कर दी।
लेकिन असली चाल यही थी — राइडर ने पार्सल अपने पास रख लिया और पेमेंट पहले ही ले लिया था, क्योंकि ग्राहक ने “कैंसिलेशन से पहले” ऐप के बाहर पेमेंट कर दिया था। इसके बाद न पार्सल की कोई जानकारी मिली और न ही राइडर का कोई जवाब।
कैसे काम करता है यह नया फ्रॉड?
रेडिट पोस्ट के अनुसार, इस ठगी का तरीका बहुत चतुराई से बनाया गया है:
1. राइडर पहले ग्राहक से संपर्क करता है और विश्वास जीतने की कोशिश करता है।
2. फिर वह कहता है कि सिस्टम एरर या ऐप गड़बड़ी के कारण ग्राहक को खुद राइड कैंसिल करनी होगी।
3. इस दौरान वह ग्राहक से कहता है कि पेमेंट “डायरेक्ट” कर दो, ताकि वह तुरंत डिलीवरी कर सके।
4. ग्राहक राइडर की बातों में आकर पेमेंट कर देता है।
5. जैसे ही राइड कैंसिल होती है, सिस्टम में उस डिलीवरी का कोई रिकॉर्ड नहीं बचता।
6. इसके बाद राइडर पार्सल लेकर गायब हो जाता है।
रेडिट यूजर की कहानी कैसे हुई वायरल
यूजर की यह कहानी कुछ ही घंटों में वायरल हो गई। हजारों लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया और अपने अनुभव भी बताने लगे। कुछ यूजर्स ने बताया कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था — किसी ने पार्सल लिया और राइड कैंसिल कर दी, जिसके बाद न तो पार्सल मिला और न पैसा वापस।
लोगों ने उबर कंपनी को टैग करते हुए शिकायतें दर्ज करानी शुरू कीं। कई लोगों ने उबर से पूछा कि कंपनी इस तरह की घटनाओं पर निगरानी क्यों नहीं रखती और ऐसे फ्रॉड अकाउंट्स को तुरंत ब्लॉक क्यों नहीं करती।
कंपनी और एक्सपर्ट्स की राय
हालांकि इस पर उबर की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ग्राहकों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
किसी भी राइडर को ऐप के बाहर पेमेंट न करें।
राइडर की पहचान और प्रोफाइल की जांच जरूर करें।
अगर राइडर राइड कैंसिल करने को कहे, तो खुद से ऐसा न करें, बल्कि पहले कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें।
किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि यह डिजिटल ठगी का नया रूप है, जिसमें ग्राहक की ईमानदारी का फायदा उठाया जा रहा है। कुछ ने यह भी कहा कि उबर जैसी बड़ी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर राइडर्स की वेरिफिकेशन और मॉनिटरिंग और सख्त करनी चाहिए।
एक यूजर ने लिखा, “जब हम ऐप पर भरोसा करके सर्विस लेते हैं, तो हमें सुरक्षा और ट्रैकिंग का भरोसा भी मिलना चाहिए। अगर कोई राइडर ऐप के बाहर पेमेंट लेने को कहे, तो सिस्टम को तुरंत चेतावनी देनी चाहिए।”
ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें?
अगर आप भी उबर या किसी अन्य डिलीवरी ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो ये सावधानियां जरूरी हैं:
1. पेमेंट हमेशा ऐप के अंदर ही करें।
2. राइड कैंसिल करने से पहले सपोर्ट टीम से सलाह लें।
3. कभी भी राइडर के बहकावे में आकर ऐप से बाहर ट्रांजेक्शन न करें।
4. अगर पार्सल की स्थिति संदिग्ध लगे, तो तुरंत शिकायत दर्ज करें।
रेडिट पर वायरल हुई यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति का अनुभव नहीं, बल्कि बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड का संकेत है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने जहां हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं ठगों ने भी इसे एक नया हथियार बना लिया है। अब जरूरी है कि यूजर्स जागरूक रहें और हर डिजिटल लेन-देन में सतर्कता बरतें।
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि सुविधा के साथ जिम्मेदारी भी आती है। किसी भी ऑनलाइन सर्विस पर अंधा भरोसा न करें और हर स्टेप पर सतर्क रहें — ताकि आप अगले शिकार न बनें।
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