AIN NEWS 1: आजकल वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। सही तरीके से किया गया उपवास न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि शरीर की चर्बी को भी तेजी से कम करता है। लेकिन सवाल यह है कि कितने घंटे उपवास करने के बाद शरीर फैट बर्न करना शुरू करता है? इस लेख में हम जानेंगे कि उपवास से शरीर में क्या बदलाव होते हैं और यह वजन घटाने में कैसे मदद करता है।
फास्टिंग और शरीर पर इसका प्रभाव
जब हम खाना खाते हैं, तो शरीर इसे ऊर्जा में बदलने के लिए इंसुलिन का उत्पादन करता है। लेकिन जब हम लंबे समय तक कुछ नहीं खाते, तो शरीर इंसुलिन का स्तर कम कर देता है और ऊर्जा के लिए स्टोर्ड फैट को जलाने लगता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर आप शाम 5:30 बजे अपना अंतिम भोजन करते हैं और अगले दिन सुबह 10 बजे नाश्ता करते हैं, तो शरीर अधिक प्रभावी तरीके से फैट बर्न करना शुरू कर देता है। इस प्रक्रिया को इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है, जो वजन घटाने के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है।
कब से शुरू होता है फैट बर्निंग प्रोसेस?
खाने के 8-10 घंटे बाद शरीर ग्लाइकोजन का उपयोग करना बंद कर देता है।
लगभग 12 घंटे बाद शरीर ऊर्जा के लिए स्टोर्ड फैट को जलाने लगता है।
16-18 घंटे बाद फैट बर्निंग प्रक्रिया तेज हो जाती है और शरीर ऑटॉफैगी (पुरानी और डैमेज सेल्स को हटाने की प्रक्रिया) करने लगता है।
फास्टिंग के फायदे
1. वजन कम करने में मददगार – इंटरमिटेंट फास्टिंग कैलोरी की खपत को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे वजन तेजी से घटता है।
2. इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार – फास्टिंग से इंसुलिन का स्तर कम होता है, जिससे शरीर अधिक प्रभावी ढंग से ग्लूकोज को संसाधित करता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है।
3. पेट की चर्बी घटाने में मदद – लंबे समय तक उपवास करने से शरीर पेट के आसपास की चर्बी को तेजी से जलाने लगता है।
4. मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है – उपवास के दौरान शरीर में नॉरएपिनेफ्रिन (एक प्रकार का हार्मोन) बढ़ता है, जो मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।
5. दिल की सेहत में सुधार – उपवास कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
6. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार – फास्टिंग से ब्रेन फंक्शन बेहतर होता है और न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज (जैसे अल्जाइमर) का खतरा कम होता है।
फास्टिंग के दौरान ध्यान रखने वाली बातें
उपवास के दौरान हाइड्रेटेड रहें और खूब पानी पिएं।
बहुत ज्यादा भूख लगने पर हेल्दी स्नैक्स जैसे नट्स या फल खा सकते हैं।
उपवास के बाद अचानक भारी भोजन न करें, इससे पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है।
लंबी अवधि तक उपवास करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
क्या केवल फास्टिंग से वजन कम होगा?
फास्टिंग के साथ नियमित रूप से एक्सरसाइज और कैलोरी कंट्रोल करना जरूरी है। केवल उपवास करने से फैट लॉस संभव नहीं है, बल्कि संतुलित आहार और फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है।
अगर आप अपने खाने के समय को 8 घंटे तक सीमित रखते हैं और 16 घंटे उपवास करते हैं, तो आपका शरीर फैट बर्निंग मोड में आ जाता है। फास्टिंग से वजन कम करने में मदद मिलती है, लेकिन इसे सही तरीके से करना जरूरी है। साथ ही, हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज को अपनाकर इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जा सकता है।
Intermittent fasting is an effective way to promote weight loss, improve insulin sensitivity, and enhance fat burning. Studies suggest that after 12 hours of fasting, the body begins to burn stored fat for energy. Fasting for 16-18 hours can accelerate this fat-burning process and help in belly fat reduction. By controlling meal timing and incorporating regular exercise, intermittent fasting can be a sustainable way to achieve fat loss and metabolic health.