AIN NEWS 1: गाजियाबाद के लोनी में बुधवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता अलीमुद्दीन अंसारी और उनके सहयोगी नफीस के घर पर अचानक छापेमारी की। यह कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। सूत्रों के अनुसार, ईडी की यह टीम पंजाब से आई थी और उसने सीधा अलीमुद्दीन अंसारी के आवास पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी।
अचानक पहुंची ईडी टीम
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह करीब 6 बजे के आसपास कई सफेद गाड़ियों का काफिला लोनी की रामनगर कॉलोनी और इकराम नगर क्षेत्र में दाखिल हुआ। गाड़ियों से कुछ अधिकारी उतरे, जिनके पास आधिकारिक फाइलें और दस्तावेज़ थे। स्थानीय लोगों को पहले लगा कि यह कोई पुलिस जांच है, लेकिन कुछ देर बाद पता चला कि यह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम है। अधिकारियों ने सीधा अलीमुद्दीन अंसारी के घर का दरवाज़ा खटखटाया और अंदर जाकर तलाशी शुरू कर दी।
बिना सूचना के की गई कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी की जानकारी न तो गाजियाबाद पुलिस को थी और न ही स्थानीय प्रशासन को। आमतौर पर ईडी जब किसी बड़े नेता या व्यवसायी के घर कार्रवाई करती है, तो स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाता है ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। लेकिन इस बार पंजाब से आई टीम ने पूरी तरह गुप्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया।
दो ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
ईडी अधिकारियों ने लोनी के दो प्रमुख स्थानों—रामनगर कॉलोनी और इकराम नगर—में एक साथ छापे मारे। पहला छापा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता अलीमुद्दीन अंसारी के घर पर और दूसरा उनके करीबी नफीस के निवास पर मारा गया। दोनों जगहों पर जांच कई घंटे चली। बताया जा रहा है कि टीम ने कुछ दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण (लैपटॉप, मोबाइल आदि) जब्त किए हैं।
अलीमुद्दीन अंसारी का राजनीतिक प्रभाव
अलीमुद्दीन अंसारी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े एक सक्रिय नेता हैं। उनका नाम लोनी इलाके में सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के कारण काफी चर्चा में रहता है। वे स्थानीय स्तर पर मुस्लिम समुदाय में भाजपा की पकड़ मजबूत करने की दिशा में काम करते रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि अलीमुद्दीन के मुजफ्फरनगर निवासी नवाब उर्फ लविश चौधरी से करीबी रिश्ते हैं। लविश चौधरी का नाम पहले भी कई वित्तीय लेन-देन और संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ा रह चुका है। माना जा रहा है कि ईडी की यह कार्रवाई इन्हीं संबंधों की जांच से जुड़ी हो सकती है।
इलाके में फैली हलचल
जैसे ही ईडी की छापेमारी की खबर फैली, इलाके में हलचल मच गई। कई स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और स्थिति को देखने लगे। पुलिसकर्मी बाद में मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें भी ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। ईडी अधिकारियों ने मीडिया से भी दूरी बनाए रखी और किसी को कोई बयान नहीं दिया।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “सुबह-सुबह कई गाड़ियां आईं। सब लोग डर गए कि कहीं कोई बड़ी घटना तो नहीं हुई। बाद में पता चला कि ईडी की कार्रवाई चल रही है।”
संभावित जांच के बिंदु
हालांकि अभी तक ईडी की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी हो सकती है। टीम अलीमुद्दीन अंसारी और उनके सहयोगियों के बैंक लेन-देन, संपत्तियों और कारोबार से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही है।
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह छापेमारी एक बड़े नेटवर्क से जुड़े कुछ सुरागों के आधार पर की गई है, जिनकी कड़ियाँ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों से जुड़ी हैं।
भाजपा संगठन ने साधी चुप्पी
घटना के बाद स्थानीय भाजपा इकाई ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। कुछ पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है और वे जांच एजेंसियों के काम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
वहीं, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को लेकर टिप्पणी शुरू कर दी है। कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह कार्रवाई भाजपा के अंदर चल रहे आंतरिक विवादों से जुड़ी हो सकती है, जबकि कुछ का मानना है कि ईडी एक राजनीतिक रणनीति के तहत कदम उठा रही है।
ईडी की बढ़ती सक्रियता
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में कई नेताओं, व्यापारियों और ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें से कई मामलों का संबंध मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और हवाला नेटवर्क से बताया गया।
गाजियाबाद जैसे औद्योगिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिले में ईडी की यह ताजा कार्रवाई यह संकेत देती है कि एजेंसी इस क्षेत्र में भी अपनी जांच का दायरा बढ़ा रही है।
स्थानीय प्रशासन अलर्ट
हालांकि ईडी ने पहले से सूचना नहीं दी थी, लेकिन छापे के बाद पुलिस ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अफवाह या विवाद की स्थिति से निपटा जा सके।
फिलहाल ईडी की कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं। लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर इस छापेमारी के पीछे असली कारण क्या है। अलीमुद्दीन अंसारी और नफीस फिलहाल जांच के दायरे में हैं, और ईडी की आगे की रिपोर्ट से ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
The Enforcement Directorate (ED) conducted a surprise raid in Ghaziabad’s Loni area at the residence of BJP Minority Morcha leader Aleemuddin Ansari and his associate Nafees. The ED team, reportedly from Punjab, did not inform the local police before the action, creating panic and tension in the neighborhood. Sources suggest links between Aleemuddin Ansari and Nawab alias Lavish Chaudhary of Muzaffarnagar, which could be tied to money laundering and financial irregularities. The ED investigation in Uttar Pradesh highlights growing scrutiny on political figures in the region.



















