AIN NEWS 1: शामली जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के दामाद और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामली के अधीक्षक डा. दीपक चौधरी के सरकारी आवास से साढ़े पांच लाख रुपये नकद और कई महत्वपूर्ण फाइलें चोरी हो गईं। इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि प्रशासनिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
घटना मंगलवार देर शाम की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, डा. दीपक चौधरी रविवार को अपने परिवार के साथ बुढ़ाना क्षेत्र के गांव माजरा गए हुए थे। मंगलवार को जब वे शामली स्थित अपने सरकारी आवास लौटे तो उन्होंने देखा कि घर का सारा सामान बिखरा पड़ा है। इस पर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस, एएसपी संतोष कुमार सिंह और सीओ सिटी अमरदीप मौर्य मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया। टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए और उंगलियों के निशान आदि का परीक्षण किया।
डा. दीपक ने पुलिस को बताया कि साढ़े पांच लाख रुपये नकद, कुछ सरकारी और निजी दस्तावेज गायब हैं। उन्होंने शक जताया कि चोरी किसी अंदरूनी व्यक्ति द्वारा की गई हो सकती है। इस मामले में पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया।
हालांकि, जब पुलिस ने उनसे पैसों का स्रोत और हिसाब मांगा तो मामला थोड़ा गर्मा गया। बताया जा रहा है कि डा. दीपक पुलिस के सवालों पर नाराज हो गए और कोतवाली परिसर में ही कुर्सी पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर अभद्र व्यवहार का आरोप भी लगाया।
घटना की जानकारी मिलते ही भाकियू नेता कुलदीप पंवार मौके पर पहुंचे और उन्होंने डा. दीपक को समझा-बुझाकर अपने साथ ले गए। वहीं कुछ देर बाद राकेश टिकैत भी सीएचसी शामली पहुंचे। उन्होंने अपने दामाद डा. दीपक से पूरी जानकारी ली और पुलिस अधिकारियों से जल्द से जल्द चोरी का खुलासा करने की मांग की।
थाना प्रभारी सचिन शर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन विशेष टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें आसपास के लोगों, कर्मचारियों और संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं।
पुलिस ने शुरुआती जांच के दौरान सीएचसी के दो कर्मचारियों से भी पूछताछ की थी, लेकिन कोई ठोस सबूत न मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद जांच और स्पष्ट हो जाएगी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, सीएचसी परिसर में बने आवासीय क्षेत्र में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। रात के समय गेट पर गार्ड भी मौजूद नहीं रहता। कई लोगों ने बताया कि यहां पहले भी चोरी की छोटी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस बार मामला बड़ा है क्योंकि इसमें बड़ी रकम और सरकारी फाइलें शामिल हैं।
इस घटना ने प्रशासनिक स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं — आखिर सरकारी क्वार्टर से इतनी बड़ी नकदी क्यों रखी गई थी? क्या यह रकम किसी आधिकारिक कार्य से जुड़ी थी या निजी थी? वहीं, पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि कहीं किसी अंदरूनी व्यक्ति की मिलीभगत तो नहीं है।
राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “यह सिर्फ चोरी का मामला नहीं है, बल्कि प्रशासनिक सुरक्षा पर भी सवाल है। एक सरकारी अधिकारी के घर से नकदी और जरूरी फाइलें चोरी होना गंभीर बात है। पुलिस को जल्द सच्चाई सामने लानी चाहिए।”
फिलहाल पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। फोरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और कर्मचारियों के बयान के आधार पर जल्द ही चोरी का राजफाश होने की उम्मीद है।
इस घटना से शामली में लोगों के बीच चर्चा का माहौल है। कुछ लोग इसे सीएचसी में चल रही गड़बड़ियों से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे साधारण चोरी मान रहे हैं। लेकिन एक बात साफ है — जब भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के दामाद के घर में ऐसी घटना हो सकती है, तो आम आदमी की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है।
In a shocking incident from Shamli, ₹5.5 lakh cash and several important files were stolen from the government residence of Dr. Deepak Chaudhary, the CHC Superintendent and son-in-law of farmer leader Rakesh Tikait. The Shamli police have registered a case and formed three investigation teams to identify the culprits. The case has drawn significant attention as Rakesh Tikait personally reached the spot demanding swift action. This high-profile theft has raised serious questions about security arrangements in government quarters in Uttar Pradesh.



















