AIN NEWS 1 नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो दुनिया के कई देशों में सक्रिय था। “ऑपरेशन SIMCARTEL” नाम के इस अभियान में यूरोप की कई एजेंसियों ने मिलकर कार्रवाई की और 26 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 5 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 40 हजार से ज्यादा सिम कार्ड, 1200 सिम बॉक्स डिवाइस, कई लग्जरी कारें और करोड़ों की विदेशी वर्चुअल करेंसी जब्त की गई।
कैसे सामने आया साइबर ठगी का यह जाल
लातविया की पुलिस और यूरोपीय एजेंसियों ने मिलकर इस नेटवर्क पर महीनों तक निगरानी रखी थी। जांच में पता चला कि यह गिरोह “SIMCARTEL” नाम से एक वेबसाइट और ऑनलाइन सर्विस चला रहा था, जो 80 से अधिक देशों के नाम पर मोबाइल नंबर किराए पर देती थी। इन नंबरों का इस्तेमाल अपराधी सोशल मीडिया, फर्जी वेबसाइट्स और बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर नकली अकाउंट बनाने के लिए करते थे।
इन अकाउंट्स की मदद से गिरोह ठगी, हैकिंग, फिशिंग और निवेश घोटालों जैसी गतिविधियों को अंजाम देता था। Europol और Eurojust की टीम ने इस ऑपरेशन में तकनीकी और फॉरेंसिक सहायता भी दी।
26 ठिकानों पर छापेमारी, 5 गिरफ्तारी और करोड़ों की संपत्ति जब्त
ऑपरेशन के दौरान एजेंसियों ने 26 जगहों पर एक साथ छापेमारी की। पांच मुख्य आरोपी गिरफ्तार हुए जिनके पास से 1200 सिम बॉक्स डिवाइस और 40,000 सक्रिय सिम कार्ड मिले। इनके अलावा 5 सर्वर, 4 लग्जरी कारें, 4.3 लाख यूरो की बैंक रकम और करीब 3.3 लाख अमेरिकी डॉलर की क्रिप्टो संपत्ति जब्त की गई।
अधिकारियों के मुताबिक, केवल ऑस्ट्रिया में ही इस नेटवर्क के जरिए 4.5 मिलियन यूरो (करीब 40 करोड़ रुपये) की ठगी की गई थी, जबकि लातविया में 4.2 लाख यूरो (करीब 3.7 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।
अब तक ऑस्ट्रिया में इस गिरोह से जुड़े करीब 1700 और लातविया में 1500 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
कई देशों को बना रखा था निशाना
यह नेटवर्क केवल यूरोप तक सीमित नहीं था, बल्कि एस्टोनिया, फिनलैंड और अन्य देशों में भी इसका जाल फैला हुआ था। Europol के मुताबिक, यह गिरोह यूरोप, एशिया और अफ्रीका के कई देशों में ठगी के लिए सिम कार्ड और ऑनलाइन पहचानें बेचता था।
इन सिम कार्डों का इस्तेमाल फर्जी प्रोफाइल बनाने और ऑनलाइन बैंकिंग ठगी के लिए किया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि इस गिरोह का एक सदस्य पहले से ही एस्टोनिया में आगजनी और वसूली के मामलों में वांछित था।
ठगी के तरीके: हर बार नया जाल
जांच में पता चला कि यह गिरोह कई तरह की ऑनलाइन ठगियों में शामिल था —
1. फर्जी ऑनलाइन मार्केटप्लेस:
यहां अपराधी नकली वेबसाइट बनाकर ग्राहकों से अग्रिम भुगतान लेकर माल न भेजते थे।
2. ‘डॉटर-सन स्कैम’ (बेटा-बेटी बनकर ठगी):
व्हाट्सएप पर खुद को पीड़ित का बेटा या बेटी बताकर नकली नंबर से पैसे मांगना।
3. इन्वेस्टमेंट फ्रॉड:
कॉल करके निवेश योजनाओं के नाम पर लोगों से लाखों रुपये हड़पना।
4. फर्जी शॉपिंग और बैंक साइट्स:
नकली वेबसाइट्स और ग्राहक सेवा केंद्र बनाकर लोगों की बैंक डिटेल्स चुराना।
5. फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी:
खासतौर पर रूसी भाषी लोगों को नकली पुलिस आईडी दिखाकर डराना और रकम ऐंठना।
सिम कार्डों से लेकर वेबसाइट तक, सब पेशेवर अंदाज में
यह गिरोह अपने आप को वैध टेलीकॉम सर्विस की तरह प्रस्तुत करता था। उनकी वेबसाइट्स — gogetsms.com और apisim.com — पूरी तरह पेशेवर डिजाइन में थीं। वेबसाइटों पर उपयोगकर्ताओं को “वैध वर्चुअल नंबर” खरीदने या किराए पर लेने की सुविधा दी जाती थी।
जब Europol ने इन साइट्स पर कार्रवाई की, तो दोनों को बंद कर दिया गया और अब उन पर पुलिस का नोटिस दिखाई देता है।
5 करोड़ फर्जी अकाउंट्स का खुलासा
जांच के अनुसार, इस नेटवर्क की मदद से करीब 4.9 करोड़ फर्जी ऑनलाइन अकाउंट्स बनाए गए थे। इन अकाउंट्स के जरिए साइबर अपराधियों ने करोड़ों यूरो की ठगी की।
अधिकारियों का कहना है कि यह यूरोप के इतिहास में सबसे बड़े साइबर ठगी ऑपरेशनों में से एक है।
भारत से लिंक की जांच जारी
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इस नेटवर्क का उपयोग भारत सहित अन्य देशों में भी साइबर अपराधों के लिए किया गया था। फिलहाल भारतीय एजेंसियों के साथ डेटा साझा किया जा रहा है ताकि ठगी के संभावित मामलों का पता लगाया जा सके।
EMPACT की भूमिका और आगे की कार्रवाई
यह पूरा अभियान EMPACT (European Multidisciplinary Platform Against Criminal Threats) के तहत चलाया गया था। यह प्लेटफॉर्म अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए यूरोपीय देशों को तकनीकी और कानूनी सहयोग प्रदान करता है।
अधिकारियों के अनुसार, “SIMCARTEL” ऑपरेशन न केवल यूरोप की बड़ी साइबर जांचों में से एक है, बल्कि भविष्य में साइबर सुरक्षा नीतियों के लिए एक बड़ा सबक भी साबित होगा।
The international operation SIMCARTEL led by Europol and Eurojust has exposed one of the largest cybercrime networks in Europe. Over 5 crore fake online accounts, 40,000 SIM cards, and 1,200 SIM box devices were seized during raids in Latvia, Austria, and Estonia. The gang created fake identities for online fraud, investment scams, and fake e-commerce websites. Authorities froze cryptocurrency and bank assets worth millions of euros. Investigators are now exploring possible links of the SIMCARTEL network to India and other Asian countries as part of a global cyber fraud investigation.



















