AIN NEWS 1: हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की फ्लाइट में बड़ा तकनीकी खराबी आ गई। अलायंस एयर की फ्लाइट संख्या 91821, जो दिल्ली से शिमला जा रही थी, उसमें अचानक ब्रेक फेल हो गया। इस विमान में कुल 44 यात्री सवार थे, जिनमें हिमाचल प्रदेश के डीजीपी अतुल वर्मा भी शामिल थे। इस खतरनाक स्थिति के बावजूद, पायलट की सूझबूझ से एक इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई और सभी यात्रियों को सुरक्षित उतारा गया।
कैसे हुआ हादसा – फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग
यह घटना सोमवार सुबह की है जब दिल्ली से शिमला के लिए रवाना हुई इस फ्लाइट को लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा। खबरों के मुताबिक, विमान के ब्रेक में गड़बड़ी आ गई थी, जिसके चलते लैंडिंग के समय विमान रनवे के आखिरी छोर तक पहुंच गया। ब्रेक न लगने के कारण विमान को रोकना मुश्किल हो गया था। पायलट ने बड़ी मुश्किल से फ्लाइट को नियंत्रित किया और रनवे खत्म होने से पहले विमान को रोकने में सफल रहे।
यात्रियों में मची अफरा-तफरी, डर के साये में सफर
जैसे ही यात्रियों को ब्रेक फेल होने की खबर मिली, फ्लाइट में अफरा-तफरी मच गई। सभी यात्री घबरा गए और हालात तनावपूर्ण हो गए। हालांकि, पायलट और क्रू मेंबर्स की त्वरित कार्रवाई के कारण बड़ा हादसा टल गया और सभी को सुरक्षित उतार लिया गया।
डिप्टी CM और DGP भी थे फ्लाइट में
इस फ्लाइट में हिमाचल प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और डीजीपी अतुल वर्मा भी यात्रा कर रहे थे। घटना के बाद डिप्टी सीएम ने कहा, “हम सुबह इस फ्लाइट से शिमला पहुंचे, लेकिन लैंडिंग के दौरान फ्लाइट में तकनीकी दिक्कत आई। ब्रेक सही से काम नहीं कर रहे थे, जिससे प्लेन रनवे के आखिरी छोर तक पहुंच गया।”
डिप्टी CM ने बताया खौफनाक अनुभव
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, “तकनीकी चीजों की मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन एक आम आदमी की भाषा में कहूं तो जब प्लेन लैंड करने वाला था, तब उसने तुरंत जमीन को नहीं छुआ। रनवे खत्म होने के बाद भी प्लेन आगे बढ़ता गया और अंत में जोरदार ब्रेक लगाकर रोका गया। इस दौरान हम करीब 20-25 मिनट तक फ्लाइट के अंदर ही रहे।”
अलायंस एयर की सफाई – जांच के आदेश जारी
इस घटना के बाद अलायंस एयर की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि लैंडिंग के दौरान ब्रेकिंग सिस्टम में गड़बड़ी आ गई थी। इस घटना की गहन जांच के आदेश दे दिए गए हैं और तकनीकी टीम कारणों का पता लगाने में जुट गई है। एयरलाइन ने यह भी कहा कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की नजर – जांच की मांग
इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी हरकत में आ गया है। सरकार इस मामले की विस्तृत जांच कराने की तैयारी कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह तकनीकी गलती थी या मेंटेनेंस में कोई लापरवाही हुई। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी डॉमेस्टिक फ्लाइट्स के मेंटेनेंस की गहन समीक्षा करने के भी निर्देश दिए जा सकते हैं।
फ्लाइट सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह घटना भारत में फ्लाइट सेफ्टी को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। पिछले कुछ महीनों में तकनीकी खराबी के कारण कई विमान हादसे होते-होते बचे हैं। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एविएशन इंडस्ट्री को और सख्त नियम अपनाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
बाल-बाल बची 44 जिंदगियां
यह घटना गंभीर विमान सुरक्षा मुद्दों को उजागर करती है। सौभाग्य से, पायलट की सूझबूझ और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता के कारण बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, यह घटना एक चेतावनी है कि विमानन कंपनियों को तकनीकी सुरक्षा और मेंटेनेंस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सख्त नियमों का पालन अनिवार्य किया जाना चाहिए।
Himachal Pradesh Deputy CM Mukesh Agnihotri and 44 passengers had a narrow escape when their Alliance Air flight from Delhi to Shimla faced a brake failure during landing. The pilot managed to perform an emergency landing at Shimla airport, preventing a major accident. Among the passengers was Himachal DGP Atul Verma. This incident raises serious concerns about aviation safety and aircraft maintenance in India. Authorities have ordered a detailed investigation into the technical malfunction. This near-tragic event highlights the importance of regular aircraft checks and stringent safety measures to prevent such aviation mishaps in the future.