बता दे अशोकनगर के कारखाने में भीषण आग लगने कि खबर सामने आ रही है. आग इतनी ज्यादा भयानक थी कि इसका दूर दूर तक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. 17 घटें बाद भी इस पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है. बता दे कि आग बुझाने के लिए पूरे जिले की फायर ब्रिगेड के साथ-साथ पड़ोसी जिले की भी फायर ब्रिगेड लगाई है। ये बताया जा रहा है कि आग सबसे पहले कारखाने में लगी. और फिर उसके बाद उसने कारखाने के बगल में बने निजी अस्पताल को भी चपेट में ले लिया. हालांकि समय रहते अस्पताल से मरीजों और स्टाफ को पुलिस और स्थानीय लोगों ने बाहर निकाल लिया. और इस आग से अस्पताल में मरीज को किसी भी तरह की कोई आहत नहीं हुई इस तरह से बड़ी जनहानि होने से बच गई. प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और बल आग बुझाने की मशक्कत कर रहे हैं. फिलहाल आग लगने के कारण और नुकसान स्पष्ट नहीं हो सका हैं. अभी पता नहीं चलाया की की आग लगने से क्या-क्या नुकसान हुआ है धीरे-धीरे पुलिस प्रशासन स्पष्ट कर रही है कि की आग लगने से क्या-क्या नुकसान हुआ है साथ ही आग लगने की वजह क्या थी। दरअसल 13 अक्टूबर को देहात थाना क्षेत्र के बाई पास रोड स्थित आनंद टायर के तीन मंजिला कारखाने में आग लग गई. बता दे की यहां पर टायर रिमोल्ड का काम भी होता था. आग लगते ही यह तेजी से फैलने लगी. कुछ ही देर में इसने विकराल रूप ले लिया. कारखाने के तलघर से शुरू हुई आग ऊपरी मंजिल तक कुछ ही पलों में पुहंच गई. इतना ही नहीं उसने उसके पास स्थित अस्पताल को भी चपेट में ले लिया. अग्निकांड की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी लपटें करीब 30 फीट की ऊंजाई तक दिखाई दे रही थीं. आज काम होने के बजे धीरे-धीरे आग बढ़ती ही जा रही थी क्योंकि टायर रिमोट का काम वहां पर होता था इसलिए काफी तेजी से आज टायर में लगी और उसके चक्कर में काफी ज्यादा नुकसान हुआ और आज काम होने के बजाय बढ़ते ही जा रही है
आग लगते ही इलाकों में ज्ञमची अफरा-तफरी
बता दे की कारखाने में आग लगने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई. आसपास के दुकानदारों ने फटाफट अपना सामान हटाया. उन्होंने सारा सामान कहीं और शिफ्ट कर दिया. बताया जाता है कि आग की सूचना मिलते ही जिला मुख्यालय की 2 फायर ब्रिगेड आनन-फानन में मौके पर पहुंच गईं. जब आग रौद्र रूप लेने लगी तो जिला अधिकारियों ने जिले की हर तहसील से फायर ब्रिगेड बुलवा ली. पूरे जिले की फायर ब्रिगेड मिलकर भी आग को काबू नहीं कर सकी. उसके बाद पड़ोसी जिले से भी फायर ब्रिगेड बुला ली गई.
कारखाने में थे 5 हजार टायर
बताया जा रहा है कि कारखाने के तलघर में करीब 5 हजार टायर और काफी मात्रा में कैमिकल थे. इसलिए आग पर काबू पाने के लिए कैमिकल युक्त फायर ब्रिगेड बुलाई गई थी. कैमिकल के छिड़काव से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है. इसके छिड़काव के कुछ देर बाद लगा कि आग बुझ गई है, लेकिन जब तलघर का दरवाजा तोड़ा गया तो आग की लपटें जस की तस थीं. स्थानीय लोगों की मानें तो यह जिले का सबसे बड़ा अग्निकांड है. वहां पर मौजूद लोगों का कहना है कि अब तक का सबसे बड़ा अग्निकांड है यह इस इलाके में इतना भयानक अग्निकांड आज तक नहीं हुआ है और आपको बता दे कि यह आग 17 घंटे से अधिक तक चली इस पर 17 घंटे तक किसी भी तरह का कोई काबू नहीं पाया गया। बता दे कि ये घटना शुक्रवार को लगभग आनंद टायर की दुकान में अचानक आग लग गई। वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों ने आग को तुरंत देख लिया और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी थी। लेकिन आग बुझाने का नाम नहीं ले रही थी और धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। फायर ब्रिगेड आग बुझाने की कोशिश करती रही, लेकिन उसे पर काबू पाया नहीं जा सका। पास की दीपक दीपम अस्पताल में अगले हिस्से में आग लग गई है। हालांकि, गनीमत है कि दमकल के वहां तुरंत आग पर काबू पाया गया। हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को तुरंत बाहर निकाल लिया गया, लगभग अस्पताल में सात से आठ मरीज भर्ती थे।