AIN NEWS 1: शामली में टोंडा गांव में कुछ ग्रामीणों की शिकायत एवं वन विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन पीएम आवास को तहसील प्रशासन ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में एक बुलडोजर से गिरा दिया। इस कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार और पीड़ित परिवार के बीच काफ़ी नोकझोंक हुई। इस दौरान ही लाभार्थी महिला के बेटे को हार्टअटैक आ गया, जिसको देखकर पुलिस-प्रशासन के सभी अधिकारी मौके से भाग निकले। इस पीड़िता के बेटे को काफ़ी गम्भीर हालात में करनाल के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें चौसाना के गांव टोंडा में अनारकली पत्नी मुकेश का एक पीएम ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत भवन का निर्माण चल रहा था, जिस पर सिर्फ लेंटर ही डाला जाना बाकी था। लेकीन बुधवार को नायब तहसीलदार रविन्द्र कुमार ने राजस्व लेखपाल अशोक कुमार व पुलिस फोर्स की मौजूदगी में उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान ही पीड़ित परिवार की महिलाएं व बच्चे उनके सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन प्रशासन ने किसी की भी नहीं सुनी। इस बीच ही अनारकली के एक बेटे नीरपाल को हार्टअटैक भी आ गया, जिसको आनन-फानन में ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस पूरे मामले में नायब तहसीलदार रविन्द्र कुमार ने एसडीएम को इसका जवाब देने की बात कहते हुए वहा से निकल गए।
जाने इस मामले में ग्रामीणों ने वन विभाग से की थी शिकायत
ज्ञात हो चौसाना। गांव के ही कुछ लोगों ने वन विभाग से इस अवैध निर्माण को कर शिकायत की थी। जिसके बाद वन विभाग ने राजस्व विभाग के साथ मे मिलकर इस अवैध कब्जे की भूमि को मुक्त कराने के लिए ही इस भवन का ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। वहीं, इस मामले में ग्राम प्रधान सोनू कुमार का कहना है कि यह परिवार काफ़ी लंबे समय से यहां रह रहा है। और 30-40 अन्य परिवार भी इस भूमि पर अपना मकान बनाकर रहते हैं।
और वर्ष 2022-23 में चयनित हुआ था इनका पीएम आवास
इस पर बीडीओ मुकेश कुमार ने बताया कि 2022-23 में ही पीएम आवास के लिए इस महिला का चयन हुआ था। फरवरी माह में फंड भी रिलीज होने के बाद इसका निर्माण शुरू कर दिया गया था। इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव रणवीर सिंह का कहना है कि पात्र परिवार 50-60 वर्ष से इस भूमि पर रहता था, जो गांव से कुछ ही दूरी पर एक बस्ती के रूप में बसा है।
एसडीएम ऊन उद्भव त्रिपाठी के अनुसार यह कार्रवाई ग्रामीणों और वन विभाग की शिकायत पर ही की गई है। पीएम आवास योजना के तहत मकान का निर्माण होने का मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो इसकी पूरी जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।