अमेरिका में चीनी टेलीकॉम कंपनियों पर बैन
भारतीय कंपनियों के लिए शानदार मौका
भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को फायदा
AIN NEWS 1: अमेरिका का एक फैसला भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के लिए शानदार मौका लेकर आया है। दरअसल, अमेरिका ने अपनी चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर चीन की टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली और टेलीकॉम सर्विसेज मुहैया कराने वाली कंपनियों से हर तरह की खरीदारी करने पर रोक लगा दी है। ऐसे में इस फैसले से भारत में टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी PLI स्कीम की वजह से भी भारत में टेलीकॉम इक्विपमेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों के लिए ये एक बेहतरीन मौका साबित हो सकता है। इन कंपनियों को भारी मात्रा में अमेरिका से ऑर्डर मिलने की संभावना है।
चीन पर बैन, भारत के लिए दरवाजा खुला!
आप प्रत्याशी जोगेंद्र सिंह उर्फ बंटी का रिवाल्वर लहराते हुए डांस करने का वीडियो वायरल होने के बाद एफआईआर दर्ज हुई. #Viral #AAP #MCDElections2022 #viral2022 pic.twitter.com/PQjC6mojwR
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) December 1, 2022
चीन की कंपनियों पर अमेरिका में लगे इस बैन के बाद कई दूसरी विदेशी टेलीकॉम कंपनियां भी भारत में निवेश कर सकती हैं। फैसले के बाद जेडटीई और हुआवे जैसी काफी बड़ी कंपनियों पर तो सीधे सीधे बैन लग ही गया है वहीं इन कंपनियों के लिए काम करने वाली छोटी-छोटी कंपनियां भी अब अमेरिका में कारोबार नहीं कर सकेंगी। इसका सीधा फायदा भारत में उभरती हुई छोटी-छोटी टेलीकॉम कंपनियों को मिल सकता है। कुछ साल पहले अमेरिका ने ऑप्टिकल फाइबर के मामले में भी चीन पर बैन लगाया था। इस प्रतिबंध का फायदा भारतीय कंपनी स्टरलाइट को मिला था। माना जा रहा है कि अब ऐसा ही कुछ टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के सेगमेंट में भी हो सकता है। कई भारतीय कंपनियां इस बैन का फायदा उठाकर चीन को भारी मात्रा में टेलीकॉम उपकरण सप्लाई कर सकेंगी। भारत में बनने वाले राउटर, रेडियो इक्विपमेंट्स के लिए एक बड़ा बाजार खुल जाएगा और हाल ही में गति पकड़ने वाले टेलीकॉम एक्सपोर्ट में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।
वियतनाम को भी नहीं मिलेगा फायदा!
टेलीकॉम उपकरणों के निर्माण में वियतनाम का भी दुनिया में काफी नाम है। लेकिन ये देश भी अमेरिका के लिए ज्यादा भरोसेमंद नहीं माना जा सकता है। इसकी वजह है कि वियतनाम में चीन की कंपनियां ही सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। इसके साथ ही वियतनाम की कंपनियां चीन की टेलीकॉम टेक्नोलाजी का ही ज्यादा इस्तेमाल करती हैं। वहीं भारत ने 2 साल पहले ही सरकारी टेलीकॉम सर्विसेज कंपनियों को चीन की कंपनियों से खरीदारी करने पर रोक लगा दी थी। उधर सरकार भी टेलीकॉम इक्विपमेंट्स की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों के साथ बैठक करेगी। इस बैठक के ज़रिए प्रॉडक्शन बढ़ाने में आ रही समस्याओं को दूर करने के तरीके खोजे जाएंगे।