कुत्ता पालने और पंजीकरण के लिए नियमावली की गई तैयार !
दिन पर दिन कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है रोजाना कुत्ते मासुम बच्चो को अपना शिकार बनाते है। कुत्तो से परेशान होकर रविवार को राजगर में बच्चो ने प्रदर्शन भी किया था वहा के लोग का कहना था कि सोसायटी के लोग वहा पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते है और कुछ लोग कुत्तों को पालते भी है इसलिए कुत्तों का अतंक इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा। इन सभी समस्याओँ के लिए लोगो ने नगर निगम में पत्र लिखा था उसमे सारी समस्याओं के बारे में बताया था। बता दे कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले कुत्ता प्रेमियों को अब जिम्मेदारी भी निभानी पड़ेगी। दूसरे के घर के आगे कुत्तों को खाना नही खिला सकेंगे। अगर कुत्ते ने किसी के घर के आगे गंदगी की तो उसे खुद साफ करनी पड़ेगी। वही नगर निगम के पशु चिकित्सा एंव कल्याण विभाग के अधिकारियों ने नियमावली तैयार कर ली है।बता दें कि मगंलवार यानी की आज की होने वाली नगर निगम की बोर्ड बैठक में इसे पेश किया जाएगा।
क्या है नियमावली
बता दे कि नियमावली के अनुसार अब पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए 500 और नवीनीकरण के लिए 200 रुपये शुल्क लगेगा 200 वर्ग गज के मकान में अधिकतम दो और 300 वर्ग गज के मकान में अधिकतम चार कुत्ते पाल सकेंगे पांच या ज्यादा कुत्ते पालने पर पशु शेल्टर के प्रावधान लागू हो जाएंगे पशु शेल्टर आवासीय क्षेत्र में संचालित नहीं किया जा सकेगा साथ ही कुत्तों को लिफ्ट या पार्क में लाने ले जाने के दौरान मजल यानी कि मुंह पर जाली पहनना अनिवार्य होगा नियमों का उल्लंघन करने पर 10000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा
तीन प्रजातियों को प्रतिबंधित करने के लिए लेंगे मंजूरी
आपको बता दे की नगर निगम की कार्यकारिणी समिति ने शहर में पिटबुल रॉट विलर और डोगो अर्जेंटीनो प्रजाति के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगाने पर मंजूरी दे दी थी अब यह प्रस्ताव नगर निगम सदन में पेश किया जाएगा यहां से मंजूरी मिलने पर इसे लागू कर दिया जाएगा इसके बाद इन प्रजातियों के कुत्तों के पंजीकरण और बिल्डिंग पर रोक लगाए जाएंगे पालतू पशु पक्षियों की दुकान चलाने वाले संचालकों को नगर निगम में 5000 रुपये शुल्क जमा कराकर पंजीकरण करना होगा इससे पूर्व दुकान संचालकों को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 2018 के तहत राज्य बोर्ड से पंजीकरण लेना अनिवार्य होगा पशु के क्रय विक्रय के अभी लेखन रखनी होगी यानी कि जितने भी लोग पशु खरीदने हैं उसका लिखित पूरा बायोडाटा होना चाहिए। जिससे पता चल सके कि कितने लोगो के पास है पशु। साथ ही आवारा कुत्तों का पंजीकरण बिना किसी शुल्क के साथ-साथ नसबंदी और पहला टीकाकरण किया जाएगा. पांच या अधिक आवारा कुत्तों को गोद लेने वाले व्यक्तियों और निवासी समूहों को आश्रय गृहों के समान माना जाएगा और पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करना होगा