AIN NEWS 1: बता दें यूरोप में मौजूद अल्बानिया देश वो मुल्क है जो पहला नास्तिक देश बना था. दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अल्बानिया में बड़े बदलाव होने लगे थे. भयंकर युद्ध के बाद जहां दूसरे देश आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और अपनी माली हालत सुधारने में लगे थे तो वहीं दूसरी तरफ अल्बानिया में धर्म को समाप्त करने के लिए अभियान छेड़ दिया गया था. यहां बड़े पैमाने पर धार्मिक स्थलों को तोड़ना शुरू कर दिया गया था. साल 1976 में अल्बानिया को विश्व का पहला नास्तिक देश घोषित कर दिया गया था.
जाने जब अल्बानिया बना पहला नास्तिक देश
बता दें कि साल 1976 में जब अल्बानिया को नास्तिक देश घोषित किया गया था उस समय देश में मुस्लिम आबादी ज्यादा थी. लेकिन कम्युनिस्ट तानाशाह अनवर होजा ने देश को नास्तिक देश बनाने का फैसला किया. तानाशाह अनवर होजा, कम्युनिस्ट दार्शिनिक कार्ल मार्क्स से कुछ ज्यादा ही प्रभावित थे. तानाशाह अनवर होजा धर्म को अफीम मानते थे और कहते थे कि धर्म की वजह से दुनिया के बर्बादी की कगार पर पहुंच सकती है. इसी को वहां की लेबर पार्टी ने अपना नारा भी बना लिया था और अल्बानिया को नास्तिक देश घोषित कर दिया था.
जाने तोड़े गए धर्मस्थल
अल्बानिया को नास्तिक देश बनाने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान 2 हजार से ज्यादा धर्मस्थलों को या तो तोड़ दिया गया या फिर उनको बंद कर दिया गया. इन धर्मस्थलों में मस्जिदों के साथ चर्च भी शामिल थे. बड़े पैमाने लोगों के साथ मिलट्री ट्रायल चला और फिर उनको मौत की सजा दे दी गई.
जाने क्या कहता है अल्बानिया का संविधान?
गौरतलब है कि अल्बानिया के संविधान में देश के नास्तिक होने की बात है. अल्बानिया के संविधान के आर्टिकल 37 में ये कहा गया है कि स्टेट किसी भी धर्म को मान्यता प्रदान नहीं करता है. साइंटिफिक सोच को बढ़ावा देने के खातिर नास्तिकता को सपोर्ट करता है. इसके अलावा संविधान के आर्टिकल 55 में देश के अंदर धार्मिक आधार पर कोई भी संस्था बनाने पर पाबंदी लगाई गई है.