AIN NEWS 1: आखिर आपको कैसे पता चलेगा कि कोई डीलर आपको कहीं 6 महीने पुरानी कार तो नहीं बेच रहा है। या इससे भी बदतर स्थिति तो यह है कि वह आपको एक ऐसे कार को बेच दे जो एक साल से भी ज्यादा पुरानी हो। आज हम यहां आपकों बताते हैं कुछ काफ़ी आसान से टिप्स जो आपको इस समस्या से बचा सकते हैं और आप किसी परेशानी से बच सकते है। वैसे तो नई कार खरीदना ज्यादातर लोगों के लिए ही जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और बड़े फैसलों में से एक होता है। हालांकि यह मौका खुशी से भरा हुआ होना चाहिए, लेकिन कभी-कभी ग्राहक के लिए यह अनुभव काफी ज्यादा कड़वा साबित होता है, जबकि इसमें उनकी कोई ज्यादा बड़ी गलती भी नहीं होती। कई बार कुछ डीलरों अपने पेंडिंग रक्खे स्टॉक को बेच नहीं पाते और इसलिए, वे ग्राहक को नई बताकर अपनी पुरानी कार बेच देते हैं। कई खरीदार, जानकारी के अभाव में या सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के काफ़ी मीठे बोल और विनम्रता से भी धोखा खा जाते हैं और आसानी से इन डीलर के जाल में वो फंस जाते हैं। इन ग्राहक को जब तक अपनी इस गलती का एहसास होता है, तब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी होती है और ज्यादातर मामलों में ये ग्राहक भुगतान भी कर चुके होते हैं।
जान ले कैसे बच सकते हैं ऐसी धोखाधड़ी से
कई बार, इस प्रकार से धोखाधड़ी करने वाले डीलर और कार चोर पुरानी और चोरी की गई कारों को भी बेचने के लिए फर्जी कागजात भी बनाते हैं, और ग्राहकों को उसे यूज्ड कार बताकर बेच देते हैं। इस तरह के किसी भी जाल से बचने का सबसे आसान तरीका आपके लिए यह है कि आप समझ लें कि कार के Vehicle Identification Number (VIN), व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर को कैसे आप डिकोड कर सकते है। यह सब उतना मुश्किल भी नहीं है जितना कि आप लोग इसे समझते होंगे। यहां पर हम आपको कुछ काफ़ी आसान टिप्स बता रहें हैं जिनकी मदद से आप अपनी कार के मैन्युफैक्चरिंग के समय का आसानी से पता लगा सकते हैं और ये जानकारी आपको बहुत अधिक मानसिक और वित्तीय परेशानी से भी बचा सकते हैं।
1. जान ले हर कार में एक यूनिक नंबर होता है जिसे VIN (व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर) भी कहा जाता है, जिसका उपयोग उस महीने और वर्ष की पहचान करने के लिए किया जाता है जब उस मॉडल को बनाया गया था। गाड़ी का VIN इंजन के करीब मे ही लिखा जाता है और यह नम्बर 19 अक्षरों तक लंबा हो सकता है। आप इसे अपने आधार नंबर के बराबर ही मान सकते हैं, जो हर व्यक्ति के लिए काफ़ी यूनिक होता है और इसे किसी भी प्रकार से डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता है।
2. यह VIN एक अल्फान्यूमेरिक कोड है और आप इसे देखकर निर्माण का महीना और वर्ष नहीं बता सकते हैं। VIN को डिकोड करने के लिए कई अलग-अलग तरीके हैं क्योंकि हर ऑटो निर्माता VIN में गाड़ी की मैन्युफैक्चरिंग के समय को एम्बेड करने के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं।
3. कार कंपनियां वाहन निर्माण के महीने और वर्ष को ही अंग्रेजी वर्णमाला में अलग अलग बांट देते हैं। इस तरह से, अक्षर ‘A’ का इस्तेमाल वर्ष 2010 के लिए किया जाता है, जबकि ‘Y’ 2030 को दर्शाता है। यह ध्यान रखना होगा कि अक्षर ‘I’, ‘O’ और ‘Q’ का उपयोग VIN संख्या में कभी नहीं किया जाता है।
4. इसी तरह, अक्षर ‘A’ जनवरी को दर्शाता है और दिसंबर के लिए ‘M’ का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसे आगे दी गई तालिका से आपको और बेहतर तरीके से समझने में मदद करते हैं।
जाने महीने का कोड महीना
A जनवरी
B फरवरी
C मार्च
D अप्रैल
E मई
F जून
G जुलाई
H अगस्त
J सितंबर
K अक्तूबर
L नवंबर
M दिसंबर
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वर्ष का कोड वर्ष
A 2010
B 2011
C 2012
D 2013
E 2014
F 2015
G 2016
H 2017
J 2018
K 2019
L 2020
M 2021
N 2022
P 2023
R 2024
S 2025
T 2026
V 2027
W 2028
X 2029
Y 2030
ज्ञात हो कि अलग-अलग कार निर्माता इन अक्षरों का अलग-अलग जगहों पर भी इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से, यह पता लगाने का कोई स्टैंडर्ड तरीका नहीं है कि VIN नंबर पर आख़िर कौन सी जगह मैन्युफैक्चरिंग के वर्ष और महीने को दर्शाती रही है।