AIN NEWS 1 नूंह हिंसा: जैसा कि आप जानते है 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद से ही पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी को संभालने वाले तेजतर्रार पुलिस अधिकारी नरेंद्र बिजारणिया के बयान का असर अब दिखाई देने लगा है। जान ले दस दिन पहले एसपी ने गांवों के सभी गणमान्य लोगों से बात करते हुए कहा था कि आप सभी को पता है कि गांव का कौन सा छोरा इस हिंसा में शामिल रहा था, उनके कान पकड़कर हमारे पास ले आओ , नहीं तो हमें अच्छे से पकड़ना आता है। हम यहां कोई पहेलियां नहीं बुझा रहे है इसे आप सब मेरी चेतावनी भी समझ सकते और एक अपील भी। चुके जब हम उन्हे लेकर आएंगे तो अपने तरीके से ही लाएंगे।एसपी के इस बयान के बाद से ही सिगार गांव के पूर्व सरपंच हनीफ, अल्ताफ, इब्राहिम चौधरी,तैय्यब सहित कई सारे अन्य ग्रामीणों ने 31 जुलाई को हुई हिंसा के दौरान गांव में ही स्थित महादेव मंदिर परिसर में काफ़ी तोड़फोड़ करने तथा वाहनों को आग लगाने के मामले में भी आरोपित जुबेर,सलमान अंसार, रफीक, मोहम्मद अबू बकर को एक साथ रविवार देर रात बिछोर थाने लाकर पुलिस को सौंप दिया।
ये सभी घर से फरार थे आरोपित
अब पुलिस ने इन सभी आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया। पुलिस के मुताबिक महादेव मंदिर में उस दिन हुई घटना के यही मुख्य आरोपित हैं। इन आरोपितों से अब पूछताछ कर अन्य उपद्रवियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। ये सभी आरोपित अपने घर से फरार थे।
रात में ये जैसे ही अपने गांव खाना खाने और रकम लेने के लिए पहुंचे घर वाले ओर पूर्व सरपंच के साथ मे इन सभी को थाने ले आए। बता दें कि वहां पर कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा तथा पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया कुल 16 दिनों में उपमंडल स्तर पर 262 गांवों के गणमान्य लोगों के साथ मे बैठक कर चुके हैं।सिंगार गांव के ही पूर्व सरपंच तथा प्रभावशाली लोगों की पहल की भी खूब चर्चा हो रही है। इन कई गांव के प्रभावशाली लोग भी इस हिंसा में शामिल गांव के युवकों को पुलिस के सामने पेश करने की पूरी तैयारी कर रहे हैं।