AIN NEWS 1 | बकरीद के मौके पर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। देवरिया जिले के उधोपुर गांव में एक 60 वर्षीय व्यक्ति ईश मोहम्मद ने बकरी की जगह खुद को कुर्बान कर दिया। इस घटना ने न सिर्फ प्रशासन को हिला दिया है बल्कि इस्लामी धार्मिक विद्वानों (उलेमा) ने इसे पूरी तरह से इस्लाम और इंसानियत के खिलाफ बताया है।
🔍 क्या हुआ था घटनास्थल पर?
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दिनांक: शनिवार, 7 जून 2025
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स्थान: उधोपुर गांव, गौरी बाजार थाना क्षेत्र, देवरिया
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व्यक्ति: ईश मोहम्मद (उम्र 60 वर्ष)
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घटना: ईश मोहम्मद ने बकरीद की सुबह खुद का गला काट लिया।
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इलाज: अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान मौत हो गई।
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लेटर: मरने से पहले एक पत्र छोड़ा जिसमें लिखा – “मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं।”
🕌 उलेमा का बयान: शरीयत में खुदकुशी हराम है
मौलाना कारी इस्हाक गोरा (संरक्षक, जमीयत दावतुल मुसलीमीन) ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा:
“खुदकुशी इस्लाम में हराम है। किसी भी हाल में इंसान को अपनी जान लेने की इजाज़त शरीयत नहीं देती। खुद की गर्दन काटना कुर्बानी नहीं, बल्कि शैतान का बहकावा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना से यह साफ होता है कि आज कई मुसलमान इस्लामी शिक्षाओं से अनभिज्ञ हैं और धार्मिक शिक्षा की कमी के चलते ऐसे गुमराह फैसले लेते हैं।
⚖️ शरीयत और इंसानियत दोनों के खिलाफ
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कुर्बानी का असली मकसद: अल्लाह के हुक्म की आज्ञा मानना है, न कि आत्महत्या।
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इंसान की जान: अल्लाह की दी हुई अमानत है, जिसे खुद से खत्म करना बड़ा गुनाह माना जाता है।
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शरीयत के अनुसार: न कोई खुद को कुर्बान कर सकता है, न यह कोई इबादत मानी जाती है।
📜 ईश मोहम्मद का लेटर:
“इंसान अपने घर में बकरे को बेटे की तरह पाल-पोसकर कुर्बानी करता है, वो भी जीव है। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया है। सुकून से मिट्टी देना, डरना नहीं है। जिस जगह खूंटा है, उसी जगह मेरी कब्र होनी चाहिए।”
📌 मुख्य बिंदु :
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देवरिया में ईश मोहम्मद ने खुद को कुर्बान किया
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पोस्टमार्टम और लेटर से सामने आया आत्महत्या का मामला
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उलेमा ने इसे इस्लाम विरोधी बताया
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खुदकुशी शरीयत और इंसानियत दोनों के खिलाफ
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धार्मिक शिक्षा की कमी पर जताई चिंता