AIN NEWS 1: छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाले है विधानसभा चुनाव मगर उससे पहले ही वहा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार साय ने सत्ता वापसी की कोशिशों में जुटी बीजेपी को एक बड़ा झटका देते हुए अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है. नंद कुमार साय चार दशक से अधिक समय से बीजेपी से ही जुड़े हुए थे. नंद कुमार साय को खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ही कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. इसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जुड़ा हाथ से हाथ, मिला आपका साथ.भरोसे के साथ जारी है, आदिवासी हित की बात. स्वागत एवं अभिनंदन डॉ नंद कुमार साय जी.हाथ से हाथ जोड़ो…जारी है..’
जाने नंद कुमार के आरोप
इससे पहले नंद कुमार साय ने अपने इस्तीफे में उन्होंने कई आरोप भी लगाया कि भाजपा नेता ही कई झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.उन्होंने खुद के खिलाफ साजिश रचने और अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी पार्टी पर आरोप लगाया.अपने इस्तीफे में साय ने कहा,’मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाया. इसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं।” वही एक वीडियो में, वरिष्ठ राजनीतिक नेता ने “उम्मीद की कि भाजपा ठीक से काम करे.
आइए जानें ‘कौन हैं नंद कुमार
छत्तीसगढ़ की सियासत का एक बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाने वाले नंद कुमार साय तीन बार से विधायक और पांच बार के सांसद रहे हैं. नंद कुमार साय साल 1977 में ही पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश की विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वे मध्य प्रदेश के विभाजन, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से पहले भी तीन बार विधायक रहे.अविभाजित मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी वो रह चुके नंद कुमार साय तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री बने थे, बीजेपी ने नंद कुमार को विधानसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी भी दी थी.
UP News : उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी सार्वजनिक भूमि से हर तरह का अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश, पूरी कार्रवाई का ब्यौरा पोर्टल पर भी होगा दर्ज!
जाने आखिर इससे बीजेपी के लिए कितना नुकसान
अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की ही सरकार बनी. इसके बाद यहां पर बीजेपी को खड़ा करने में नंद कुमार साय ने काफ़ी अहम भूमिका निभाई और संगठन को पूरी तरह से मजबूत किया. सरगुजा क्षेत्र से आने वाले साय आदिवासियों के एक बड़े नेता माने जाते हैं. दिलीप सिंह जूदेव के बाद नंद कुमार साय सरगुजा इलाके के एक बड़े नेता माने जाते हैं. सरगुजा क्षेत्र में कुछ 14 विधानसभा सीटें हैं और बीजेपी के पास अभी एक भी सीट नहीं है. अब जब साय कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं तो बीजेपी के लिए यहां पर मुश्किलें उतनी ही ज्यादा बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.