AIN NEWS 1: बता दें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में इस बार वैसे तो पशु प्रदर्शनी का आयोजन नहीं किया गया है, लेकिन किसानों के लिए दस करोड़ के भैंसे गोलू टू के आने की अनुमति दे दी गई थी। मेले में पहुंचे भैंसे ने काफ़ी धूम मचाई है।
गोलू टू के मालिक को पशुपालन के क्षेत्र में पदमश्री भी मिल चुका है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी अब शुरु हो गई है।
यह मेला तीन साल बाद लगाया गया है, वैसे तो इस बार लंपी बीमारी के चलते पशु प्रदर्शनी नहीं हो रही है, लेकिन डॉग शो का आयोजन किया गया। डॉग शो में ही हरियाणा के पानीपत के गांव डिडवाडी निवासी किसान नरेंद्र सिंह का भैंसा गोलू टू भी आया है।किसान नरेंद्र सिंह ने बताया कि गोलू को हम भैंसा की तरह नहीं अपनी औलाद की तरह ही उसका पालन पोषण करते है। इसके लिए पूरा परिवार और पांच नौकर लगे हुए है, जिससे इसकी टहल अच्छी हो और पालन पोषण भी अच्छा रहा।
इस गोलू की कीमत दस करोड़ रुपये लग गई है, लेकिन वह उसे दे नहीं रहे हैं।हरियाणा के एक किसान ने तो गोलू टू के बदलने में 20 एकड़ जमीन देने को भी कहा था, लेकिन उन्होने उसे भी मना कर दिया। डॉग शो के आयोजन वेटनरी कॉलेज के डीन राजीव कुमार व डॉ. अमित कुमार ने बताया कि लंपी बीमारी के चलते इस बार पशु प्रदर्शनी नहीं है, लेकिन यह डॉग शो रखा गया है। गोलू टू को मेले में आने की अनुमति दी थी, जिससे दूर दूर के किसान देखने के लिए आ रहे हैं।
ये हैं गोलू टू की खासियत
यह मुर्रा नस्ल का भैंसा है
डेढ़ टन का बॉडी वेट है
ऊंचाई साढ़े पांच फिट है
लंबाई 14 फिट है
हर सप्ताह सीमन की 700-800 डोज बेचते हैं
100 रुपये से 300 रुपये डोज तक सीमन बेचा जाता है
सबसे ज्यादा फरवरी से लेकर जुलाई तक सीमन बेचा जाता है
बता दें
ये है गोलू टू की खुराक
चारा हरा सूखा- 30 किलो
फीड- 8 किलो
मिनरल मिक्चर
खर्च प्रति माह 30 से 40 हजार
यह पिता को हरियाणा सरकार ने दिया गिफ्ट
पदमश्री किसान नरेंद्र सिंह का कहना है कि दादा गोलू वन था और पिता पीसी 483 था, जिन्हे हरियाणा सरकार ने गिफ्ट दे दिया था। गोलू टू की उम्र अभी साढ़े चार साल है। 100 पशुओं का उनका फार्म है, जहां पर गाय भी हैं।
कंपीटीशन के लिए कर रहे है तैयारी
मेले में आए पदम श्री किसान नरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हे आंध्र प्रदेश से भी आए एक प्रतिनिधिमंडल ने गोलू टू की कीमत दस करोड़ रुपये लगाई थी, लेकिन उन्होने उन्हे मना कर दिया था, वह अपनी औलाद की तरह उसे पालते हैं। वह उसे नहीं बेचेंगे और चार बुल और भी उसके जैसे ही उनके पास है। पांच नौकर और परिवार के लोग उसकी बहुत ज्यादा देखरेख करते रहते है।