Ainnews1:नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत का ज्ञानवापीपर बड़ा बयान आया है. गुरुवार को उन्होंने लोगों से कहा के चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए उन्होंने कहा कि अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझा तो दोनों पक्षों को अदालत के फैसले को स्वीकार करना ही चाहिए. यहां आरएसएस कार्यकर्ताओं का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह था जिसमे मोहन भागवत ने कहा कि हर बार विवाद पैदा करना उचित नहीं है, उन्होंने हिंदुओं को कहा अपने मुस्लिम भाइयों के साथ बैठकर भी सभी विवादों को सुलझाने का प्रयास करे .बोले, अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए हम सब क़ो उन्होंने कहा, अगर कुछ लोग सहमत नहीं हैं तो अदालत का रास्ते से इंसाफ होता है , तो हमें अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए.
मुसलमान भी हमारे भाई हैं
आरएसएस प्रमुख ने कहा, हिंदुओं ने अखंड भारत के विभाजन को स्वीकार कर लिया था, जिसने एक मुस्लिम देश, पाकिस्तान का मार्ग प्रशस्त हुआ . इसका मतलब है कि भारत में रहने वाले और पाकिस्तान को नहीं चुनने वाले मुसलमान भी हमारे भाई हैं.यह कहते हुए कि संघ केवल राम मंदिर के मुद्दे में शामिल हुआ था न कि इस तरह के किसी अन्य आंदोलन में शामिल है , उन्होंने आरएसएस को विभिन्न आंदोलनों से दूर बताने की भी कोशिश की.