रिश्तेदारे ने सरकारी नौकरी दिलाने के चक्कर में आठ लाख रुपये की करी ठगी !
उत्तर प्रदेश के मोदीनगर में से एक बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है बता दे कि एक महिला से उसके रिश्तेदार ने सरकारी नौकरी दिलाने के चक्कर में आठ लाख रुपये कि ठगी की है। बताया जा रहा है आरोपी ने महिला के दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 8 लाख रुपये की ठग लिए। अरोपी एक एनजीओ चलाने का काम करता था। अरोपी ने महिला रिश्तेदार और उसकी साथियों नें महिला के दोनों बेटो को रेलवे और गृह मंत्रालय में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। जब काफी दिन हो गया महिला को पैसे दिये हुऐ लेकिन उसके बेटो की सरकारी नौकरी नही लगी तभी उस महिला को ऐहसास हुआ कि उसके साथ ठगी चुकी है। महिला आरोपी के पास अपना रकम लेने पहुची तो महिला को आरोपी ने मारे की धमकी दे दिया कि अगर अबकी बार आई तो जान से मार दुगा महिला ने आरोपी के खिलाफ थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज करा दिया है।
क्या है पूरा मामला
बता दे कि मोदीनगर के शिवपुरी कॉलोनी में एक महिला के साथ 8 लाख रुपये की ठगी हो गई है बता दे कि कॉलोनी निवासी अनिता तोमर के दो पुत्र है उन दोनो पुत्रो की शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी तलाश कर रहे थे। पीडिता अनिता ने बताया कि गाजियाबाद स्थित पटेलनगर मे उनके रिश्तेदार नमिता रहते है उनके घर उन सभी का आना- जाना था। नमिता एक एनजीओ चलाती है। नमिता ने ही मेरे पुत्रो को सरकारी नौकरी रेलवे और गृह मंत्रालय मे लगवाने को कहा लेकिन इन्होनो मुझे झासा दे दिया साथ ही अनिता ने बताया कि नौकरी लगने में करीब 16 लाख रुपये का खर्च आएगा। अनिता ने रकम देने में असमर्थता जताई तो फिर आरोपी नमिता नें उसे विश्वास में लिया ओर बोला फिलहाल कुछ रकम दे दो और बाकी का रकम राशि नौकरी लगने पर देने की बात कही। अनिता मे उस अरोपी पर विश्वास करते हुऐ आठ लाख रुपये दे दिये।
कई महीने हो गये जब अनिता के दोनों पुत्रों की नौकरी नहीं लगी तो उसन नमिता से बात किया । लेकिन नमिता शुरु में तो बहाना करने लगी लेकिन कुछ दिनों बाद उसने रकम देनें से इन्कार कर दिया और उसको जान से मारने की धमकी देने लगी पीड़िता ने पुलिस थाना जाकर शिकायत कर दिया। महिला की शिकायत में शिंगारा सिंह ने बताया कि वे खेतीवाड़ी करते हैं और उनके संपर्क में मोगा निवासी मंजीत सिंह आया। मनजीत सिंह ने उनको भरोसा दिलवाया कि वे उनकी बेटी को सरकारी डिपार्टमेंट में जॉब दिलवा देगा। जब तक उन्होंने पैसे नहीं दिए थे तब तक तो आरोपी रोज उनसे फोन पर बातें करता था, जब उन्होंने फिर से में आरोपी को पैसे दे दिए उसके बाद से आरोपी ने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया है।