AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पेशी पर आए हुए संजीव माहेश्वरी की अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी आख़िर कुछ नहीं कर पाए, जबकि जीवा का हमलावर आसानी से ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर अपना काम कर गया। वैसे तो संजीव को भी कड़ी सुरक्षा में ही कोर्ट लाया जाता है, यह बात सभी को वहा पर पता थी। फिर भी उस हत्यारे के हाथ बिल्कुल नहीं कांपे, जबकि उसकी सुरक्षा में लगे सिपाही अपना मोर्चा तक नहीं ले सके। जीवा पर हमलावर ताबड़ फायरिंग करता रहा, जिसे वहा मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं ने ही साहस जुटा कर दबोचा। वहा मौजूद पुलिसकर्मी तो उसके पास तक भी नहीं फटके ।दस पुलिस कर्मियों के जिम्मेदारी थी जिनकी अभिरक्षा में जिला जेल से संजीव माहेश्वरी को पुलिस वैन में अपने साथ कोर्ट लाया गया तो इंसास रायफल से लैस क़रीब 10 पुलिसकर्मी उसकी अभिरक्षा में तैनात थे। उनके सामने ही वह हमलावर ने बेखौफ फायरिंग शुरू कर दी। अचानक से अंधाधुंध गोलियां चलने से वहा मौजूद सिपाही भी हड़बड़ा गए । आख़िर उन्हें समझ में ही नहीं आया कि वह इस मामले में अपनी जान बचाएं या फिर हमलावर से मोर्चा लें। इस हमले में सिपाही ला मोहम्मद के दाहिने पैर के घुटने में भी गोली लग गई। सिपाही कमल कुमार की भी दाहिनी जांघ में वहा गोली लगी । अपने साथियों को इस प्रकार से घायल देखकर बचे हुए पुलिसकर्मी भी मोर्चा लेने का साहस ही नहीं जुटा पाए और वो पीछे हट गए।
बता दें उसकी गोलियां खत्म होने पर दबोचा, सिपाही तो भाग गए थे
कोर्ट में मौजूद अधिवक्ता आमिर सिद्दीकी हमले के वक्त वहा मौके पर ही थे। आमिर के मुताबिक ही उनकी तरह कई अन्य वकील भी वहा पर मौजूद थे। लेकीन आरोप है कि जीवा की अभिरक्षा में आए सिपाही वहा फायरिंग होते देख पीछे हट गए। किसी ने भी इस हमलावर को रोकने का कोई भी प्रयास नहीं किया। लेकीन उसकी पिस्टल की मैगजीन के खत्म होने पर वहा मौजूद अधिवक्ताओं ने ही उसे दबोच लिया। इस बीच अतिरिक्त फोर्स भी वहा पर आ गई।
लखनऊ कोर्ट के भीतर मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा को मारी गोली, वकील के कपड़ों में आए थे हत्यारे