Ainnews1.com बीजिंग, 22 सितंबर: भारत का पड़ोसी और सबसे बड़े दुश्मन देश चीन नए-नए अविष्कारों और टेक्नोलॉजी में दुनिया के कई देशों को पछाड़ रहा है। अब इसी कड़ी में चीन ने एक और दुनिया की पहली सड़क पर ‘उड़ने’ वाली कार बनाई है,

जिसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया गया है। हवा में तैरने वाली यह कार मैग्नेट टेक्नोलॉजी (मैग्लेव) पर बेस्ड है।हॉलीवुड की फिल्में हो या फिर विज्ञान की कल्पना में सालों से हवा में उड़ने वाली कारों का जिक्र होता आ रहा है। इस नामुमकिन चीज को पूरा करने और असल में बनाने के लिए कई प्रयास भी किए गए हैं। जिसके बाद अब ऐसा लग रहा है कि यह सपना अब सपना ना रहकर हकीकत के बेहद करीब आ चुका है।

 

क्योंकि अब चीन ने ऐसी कार की सफल टेस्टिंग भी की है, जो सड़क पर ही हवा में तैर सकती है।रिपोर्ट के मुताबिक सिचुआन प्रांत के चेंगदू में दक्षिण-पश्चिम जियाओतोंग यूनिवर्सिटी के चीनी शोधकर्ताओं ने पिछले हफ्ते यात्री कार की सफल रोड टेस्टिंग भी की, जो कंडक्टर रेल से 35 मिलीमीटर ऊपर तैरने के लिए मैग्नेट का यूजर करती है।चुंबकीय तकनीक (मैग्लेव) पर आधारित कार भविष्य में आने वाली फ्लाइंग कारों के लिए एक बड़ा अविष्कार साबित हो सकता है, जो खुद में एक अनोखी पहल है। चीनी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक यह टेस्टिंग 2800 किलोग्राम वजनी कार पर किया गया था, जो अपने टायरों पर नही चल रही थी बल्के बजाय टायर पर चलने के एक चुंबकीय एरिया के जरिए सड़क की सतह से 35 मिलीमीटर ऊपर हवा में उड़ती है।इसे दूसरे तरीके से रखने के लिए एक्सपेरिमेंट व्हीकल चुंबकीय उत्तोलन (मैग्लेव) तकनीक को योजनाबद्ध करता है। शोधकर्ताओं ने आठ सेडान को मजबूत मैग्नेट के साथ वाहन के बॉटम पर रखा था और 8 किमी रेल के साथ उनका परीक्षण भी किया। इस दौरान टेस्ट में मैग्लेव कार हैरतअंगेज तरीके से 230 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार पकड़ने में भी कामयाब रही।रोड टेस्टिंग का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसको एक चीनी पत्रकार ने ट्विटर पर पोस्ट किया है।

वीडियो में कारों को कभी-कभी ट्रैक पर चलते हुए देखा भी जा सकता है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक सरकारी परिवहन अधिकारियों ने हाई-स्पीड ड्राइविंग सुरक्षा उपायों पर शोध करने के लिए यह प्रयोग किए। हालांकि वाहनों के विकास पर काम करने वाले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर देंग दिगांग के अनुसार यात्री कारों के लिए चुंबकीय उत्तोलन (मैग्लेव) को अपनाने से ऊर्जा की खपत कम किया जा सकता है।

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