AIN NEWS 1 शामली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा शामली में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग का समापन समारोह गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस समापन समारोह में बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही, जिन्हें संबोधित करते हुए पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र जी ने हिंदू संस्कृति और संघ के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
महेंद्र जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘हिंदू’ कोई संकुचित विचार नहीं बल्कि एक प्राचीन सांस्कृतिक पहचान है, जिसकी पुष्टि भारत के संविधान में भी की गई है। उन्होंने कहा कि भारत सहित विश्व के वे सभी लोग, जो इस महान संस्कृति से जुड़े हैं, वे हिंदू ही कहलाते हैं।
उन्होंने बताया कि संघ स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर शिक्षा वर्ग आयोजित करता है। इनमें से नागपुर में होने वाला 25 दिवसीय वर्ग सबसे लंबा और प्रभावशाली प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना, संस्कृति की रक्षा करना और राष्ट्रभक्ति को मजबूत करना है।
इस शिक्षा वर्ग में स्वयंसेवकों को न केवल शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि भारतीय जीवनशैली, संस्कृति, शास्त्रों की जानकारी और अनुशासन की शिक्षा भी दी जाती है। महेंद्र जी ने कहा कि गीता, वेद जैसे पवित्र ग्रंथों का वास्तविक ज्ञान केवल भारत की भूमि पर ही संभव है, क्योंकि यही वह स्थान है जहां इन ग्रंथों की आत्मा बसती है।
उन्होंने भारत को एक ऐसा देश बताया जिसकी सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिक विरासत पूरे विश्व में अनूठी है। उन्होंने कहा कि आज के युग में भी भारत दुनिया को शांति, संयम और संस्कार का मार्ग दिखा सकता है।
कार्यक्रम के आयोजक प्रेमचंद जी ने सभी स्वयंसेवकों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि संघ शिक्षा वर्ग जैसी गतिविधियां समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करती हैं।
इस समापन समारोह में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया और प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने दायित्व को और बेहतर ढंग से निभाने की शपथ ली।
The RSS Sangh Shiksha Varg concluded successfully in Shamli, Uttar Pradesh, with hundreds of swayamsevaks from West UP and Uttarakhand participating in the training program. Regional Pracharak Mahendra Ji emphasized the inclusive identity of ‘Hindu’, linking it with Indian culture, discipline, and spiritual learning rooted in scriptures like the Gita and Vedas. The camp focused on strengthening national unity, Indian values, and commitment to social transformation, making it a significant RSS event in northern India.