साल में दो बार होंगी बोर्ड की परीक्षाएं ! सरकार का बड़ा फैसला।
शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा मंत्री की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ये ऐलान कर दिया है कि अब साल में एक बार होने वाली बोर्ड की परिक्षाओं को दो बार कर दिया गया है। साल मे केवल एक ही बार बोर्ड की परीक्षा होता है। साल में एक बार होने पर परीक्षा में काफी बच्चो को दिक्कत भी होने लगती है क्योकि साल में एक बार परिक्षा होता है और बच्चो को पढ़ने के लिए बहुत कुछ होता है इस कारण काफी बच्चे फैल होने के चक्कर में अत्महत्या भी कर लेते है और सरकार के इस फैसले से काफी बच्चो को राहत भी मिलेगा क्यो कि सरकार ने इसमें एक और फैसला किया है इसमे बच्चा अपने मनं प्रसंद का विषय चुन सकता है। इन सब चीजो के देखकर शिक्षा मंत्री ने साल में दो बार परिक्षा करने का फैसला लिया है ताकि बच्चो के उपर पढ़ाई का लोड़ ना पढ़े।
साल में दो बार होंगी बोर्ड की परिक्षा
साल में सभी बोर्ड की ओर से एक बार ही परीक्षा आयोजित की जाती है। शिक्षा मंत्रालय ने नए एग्जाम पैटर्न आधारित बोर्ड परीक्षाएं छात्रों की विषयों को लेकर समझ और प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों का मूल्यांकन करेंगी। छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी। शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी। साल में दो बार परीक्षा के आयोजन के बाद वही नम्बर फाइनल माने जाएंगे, जो अच्छे होंगे। जिसके तहत अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी. छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने का विकल्प होगा. यानी छात्रों का दोनों परीक्षाओं का स्कोर नहीं जुड़ेगा, बल्कि जिस परीक्षा में छात्र के अच्छे मार्क्स आएंगे, वही स्कोर आगे मान्य होगा. इसके साथ ही कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए. जिसके तहत अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी. छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने का विकल्प होगा
एजुकेशन मिनिस्ट्री (Ministry of Education) ने क्या कहा
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का जोर छात्रों की विषयों की समझ का मूल्यांकन करने पर होगा, जिससे व्यापक कोचिंग और याद रखने की आवश्यकता में कमी आएगी. इसके अलावा 11वीं और 12वीं क्लास के दौरान विषयों का चयन अब सीमित नहीं रहेगा, जिससे छात्रों को अपनी पसंद बनाने की सुविधा मिलेगी. और वही राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा निरीक्षण और एनएसटीसी समिति की संयुक्त कार्यशाला के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है. उन्होंने इसे सरकार को सौंप दिया है. सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दे दिया है. एनसीईआरटी की तरफ से दो समितियां राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक समिति (एनएसटीसी) बनाई गई हैं. ये दोनों समितियां 21वीं सदी की आवश्यकताओं के आधार और मूल भारतीय सोच पर आधारित सिलेबस तैयार करेंगी.