हाईकोर्ट ने दिया राहुल गांधी को बड़ा झटका, राहुल की अगले 6 साल तक संसद में नहीं होगी वापसी।
गुजरात हाईकोर्ट ने शुकवार को मोदी सरनेम मानहानि केस में अपना फैसला सुनाया है। बता दे कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वालों पर एक चुनावी रैली में आपत्तजिनक बयान दिया था। जिस के उपर राहुल गांधी पर केस हुआ है इसी केस के कारण राहुंल अब 6 साल तक चुनाव नहीं लड़े गए।
आपको बता दे की राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को ही राहुल गांधी को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। साथ ही अदालत ने राहुल गांघी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। राहुल गांधी की याचिका को ख़ारिज करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के जज ने कहा कि उनके खिलाफ 10 क्रिमिनल केस पहले से ही हैं। इस सज़ा से उनके साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा है। हाईकोर्ट के इस बड़े झटके से राहुल गांधी पर अब 6 साल तक चुनाव लड़ने से रोक लग दी है जाऐगी
हाईकोर्ट के जज ने राहुल गांधी से क्या कहा ?
आपको बता दे कि जज ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनावाई करते हुए कहा कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले है। साथ ही मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ बहुत से केस दर्ज हुए है। राहुल के खिलाफ ऐसा एक मामला नही है इसके अलावा कई ओर मामला दर्ज कराये गए है । जज ने कहा कि किसी भी केस में दोषसिद्धि को कोई अन्याय नही होग। जो दोषी है उसको सजा मिलेगी कोर्ट ने राहुल गांधी से पिछले आदेश में हस्तक्षेप करने मना किया है और इसलिए ये आवेदन खारिज किया जाता है।
क्या है राहुल के ऊपर केस ?
दरअसल राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के थी और रेली के दौरान राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ को लेकर बयान दिया था. इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया था और चार साल के बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी.
राहुल की अब संसद में 6 साल तक नही होगी वापसी।
हाईकोर्ट के इस झटके के कारण अब राहुल गांधी की संसद में फिलाहाल वापसी नहीं होगी और अब 6 साल तक चुनाव लड़ने में भी रोक लग दी है। बता दें कि मोदी सरनेम मानहानि केस में गुजरात हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। राहुल ने मोदी सरनेम वालों पर एक चुनावी रैली में आपत्तजिनक बयान दिया था। जिस पर केस हुआ और राहुल को सज़ा मिली। इसी सज़ा की वजह से राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई और अगले 6 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई।