AIN NEWS 1: लखनऊ में IPS अजय पाल शर्मा (37) को गुरुवार को अचानक हार्ट अटैक पड़ा है। इसके बाद उन्हें मेदांता लखनऊ में ही भर्ती कराया गया। शुक्रवार को डॉक्टरों की टीम ने उनकी एंजियोप्लास्टी की है। फिलहाल, उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। अभी अजय पाल शर्मा UP–112 मुख्यालय में बतौर SP तैनात हैं।
अचानक गुरुवार को ऑफिस में खराब हुई तबीयत
IPS अजय पाल शर्मा की तबीयत गुरुवार को ऑफिस में अचानक खराब हुई। विभाग में तैनात अजय पाल शर्मा के एक करीबी ने बताया कि दिन में ही उनके सिर में काफ़ी दर्द हो रहा था। रात करीब 8 बजे उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हुई तो उनको मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उनका चेकअप किया। जांच में उन्हे हार्ट अटैक आया है ऐसा पता चला। इसके बाद ही उनकी एंजियोप्लास्टी की गई।
ज्ञात हो 37 साल के अजय पाल शर्मा यूपी कैडर के 2011 बैच के IPS अधिकारी हैं। वह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। IPS अजय पाल शर्मा की पहली पोस्टिंग यूपी के सहारनपुर जिले में हुई। उन्होंने एक के बाद एक करीब 100 एनकाउंटर किए और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से चर्चित हुए। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें नोएडा में ही पोस्टिंग दी गई।
अजय पाल शर्मा ने जून, 2019 में रामपुर में एक 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी नाजिल को एनकाउंटर में पैर मे गोली मारकर गिरफ्तार किया था। एनकाउंटर में नाजिल को कुल तीन गोलियां लगी थीं। इसके लिए उनकी सोसल मीडिया पर खूब तारीफ हुई। लोग उन्हें ‘सिंघम’तक कहने लगे। IPS अजय पाल शर्मा की योगी सरकार के पहले कार्यकाल में जमकर तारीफ हुई थी।
उनकी काफ़ी अच्छे से थी पश्चिमी यूपी के क्राइम की नब्ज पर पकड़
अजय पाल की ज्यादातर पोस्टिंग पश्चिमी यूपी में ही रही। इसलिए इस रीजन के क्राइम की हर नब्ज को वह बहुत बारीकी से समझते हैं। सीएम योगी ने कानपुर में नमाज के बाद हुए उपद्रव की जांच के लिए भी अजय पाल शर्मा को ही कानपुर भेजा था।
ज्ञातIPS अजय पाल शर्मा (37) को गुरुवार को अचानक हार्ट अटैक पड़ा है। इसके बाद उन्हें मेदांता लखनऊ में ही भर्ती कराया गया ।
कानपुर और लखीमपुर भेजे गए थे IPS अजय पाल
IPS अजय पाल शर्मा को सीएम योगी ने कानपुर की कानून व्यवस्था संभालने के लिए वहा भेजा था। कानपुर से पहले लखीमपुर खीरी में हुए किसान आंदोलन के बाद सरकार ने अजय पाल शर्मा को ही इसे कन्ट्रोल करने की कमान सौंपी थी। अजय पाल शर्मा एक बेहद साफ-सुथरी छवि के IPS अधिकारी हैं। उन्होंने शामली, रामपुर और गौतमबुद्ध नगर के SSP के रूप में काम किया है।
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— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) November 3, 2022
बता दें क्या था मामला
कानपुर के यतीमखाने में जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच काफ़ी पथराव हो गया था। बवाल इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच बम और फायरिंग भी शुरू हो गई थी। दरअसल, भाजपा नेता नुपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब को लेकर विवादित बयान दे दिया था। विवादित बयान को लेकर जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने जुमे के दिन ही बाजार बंदी का ऐलान भी किया था।
इसके लिए वहा दीवारों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे, लेकिन कानपुर देहात में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम हुआ था। जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की पत्नी का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट होने की वजह से बाजार बंदी के कार्यक्रम को स्थगित भी कर दिया गया था।
जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने एक बड़े जुलूस का रूप ले लिया। भीड़ एक समुदाय की दुकान बंद कराने लगी। जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया और देखते-देखते दोनों पक्षों के बीच काफ़ी पथराव शुरू हो गया था। पुलिस ने टियर गैस और पथराव कर भीड़ को वहा से खदेड़ दिया था। इसके बाद उपद्रवी गलियों से पुलिस पर पथराव भी करने लगे थे। मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को लखनऊ के हजरतगंज इलाके से ही गिरफ्तार किया था।
वह 3 अक्टूबर को लखीमपुर गए थे
अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी कांड को शांत करवाने के लिए योगी सरकार ने IPS अजय पाल शर्मा को ही भेजा था। राकेश टिकैत के पश्चिम यूपी क्षेत्र में पहले तैनात रहे कई अधिकारियों के साथ भी अच्छे संबंधों की बात सामने आई थी। बताया जाता है IPS अजय पाल शर्मा जब नोएडा में एसएसपी थे तब से उनकी राकेश टिकैत के साथ बहुत अच्छी बनती है। ऐसे में उन्होंने ही मोर्चा संभाला। टिकैत 3 अक्टूबर की रात खीरी पहुंचे। अजय पाल शर्मा को भी यहां भेजा गया। बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत और सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका भी अजय पाल शर्मा ने भी निभाई थी।