Powered by : PIDIT KO NYAY ( RNI - UPBIL/25/A1914)

spot_imgspot_img

आधार को अब बिहार SIR में शामिल किया गया, लेकिन नागरिकता का सबूत नहीं होगा

spot_img

Date:

AIN NEWS 1 | बिहार में इस समय मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) पर खूब चर्चा हो रही है। इस प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि अब आधार कार्ड को भी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के लिए एक अतिरिक्त दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा।

हालांकि, यह भी साफ कर दिया गया है कि आधार सिर्फ पहचान का प्रमाण है, इसे नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता। यानी अगर कोई आधार कार्ड दिखाता है तो उसकी पहचान तो पक्की मानी जाएगी, लेकिन उसकी नागरिकता की पुष्टि करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होगी।

आधार को दस्तावेजों की सूची में शामिल करने का मामला

सुप्रीम कोर्ट में यह मामला तब पहुंचा जब विपक्षी दलों और कुछ याचिकाकर्ताओं ने आधार को भी वैध दस्तावेजों में शामिल करने की मांग उठाई। अब तक चुनाव आयोग ने 11 दस्तावेजों को मान्यता दी थी, जिनमें पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र शामिल थे। कोर्ट ने अब आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में जोड़ने का आदेश दिया है।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, जो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से पेश हुए, ने जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई बार आधार को एक पहचान दस्तावेज के रूप में मान्यता देने की बात कर चुका है, लेकिन चुनाव आयोग बार-बार इससे किनारा कर रहा है। उनका कहना था कि जो अधिकारी आधार को मान रहे थे, उन्हें कारण बताओ नोटिस तक भेजे गए।

चुनाव आयोग की दलील

चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने अदालत में कहा कि आयोग पहले से ही आधार को पहचान पत्र के तौर पर स्वीकार कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि लाखों लोग अपनी आधार कॉपी ऑनलाइन अपलोड कर चुके हैं। लेकिन आयोग का साफ कहना है कि आधार को केवल पहचान साबित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे नागरिकता का सबूत मानना खतरनाक होगा।

द्विवेदी ने दलील दी कि अगर आधार को इकलौते दस्तावेज के रूप में स्वीकार कर लिया गया तो इससे अवैध घुसपैठियों को फायदा मिलेगा। ऐसे लोग भी वोटर लिस्ट में शामिल हो सकते हैं जो भारत के नागरिक ही नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

इस पर सुनवाई कर रही दो जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची शामिल थे, ने अहम टिप्पणी की।

  • जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोई भी यह नहीं चाहेगा कि अवैध रूप से देश में रह रहे लोग वोटर लिस्ट में जुड़ें। मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है।

  • जस्टिस बागची ने कहा कि आधार एक्ट में भी यह साफ है कि आधार नागरिकता का सबूत नहीं है। लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 23(4) में आधार को मतदाता की पहचान की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों में गिना गया है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाए। चुनाव आयोग आधार जमा करवाने वालों की वैधता की जांच कर सकता है। लेकिन स्पष्ट किया गया कि आधार को नागरिकता साबित करने वाला दस्तावेज नहीं माना जाएगा।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की स्थिति

बिहार में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने 24 जून को वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की थी।

1 अगस्त को आयोग ने ड्राफ्ट लिस्ट जारी की, जिसमें करीब 65 लाख पुराने मतदाता गायब पाए गए। इस पर भारी विवाद हुआ और विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, कोर्ट ने SIR को रोकने से साफ इनकार कर दिया और चुनाव आयोग की संवैधानिक शक्तियों को मान्यता दी।

ड्राफ्ट लिस्ट पर दावा और आपत्ति दाखिल करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर रखी गई थी। कोर्ट ने इस समय सीमा को आगे बढ़ाने से भी मना कर दिया। अब 30 सितंबर को SIR की अंतिम सूची जारी होगी। आयोग का कहना है कि अंतिम सूची जारी होने के बाद भी अगर कोई आवेदन आता है तो उसे विचार में लिया जाएगा।

क्यों अहम है यह फैसला?

  • पहचान और नागरिकता का फर्क: इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि पहचान साबित करना और नागरिकता साबित करना दो अलग बातें हैं।

  • अवैध घुसपैठ पर रोक: केवल आधार कार्ड के आधार पर नाम जोड़ने से बचा जाएगा ताकि कोई भी अवैध व्यक्ति वोटर लिस्ट में न घुस सके।

  • पारदर्शिता: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चुनाव आयोग की प्रक्रिया और पारदर्शी होगी।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अहम है। आधार को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार करना लोगों को सुविधा देगा, लेकिन नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी अभी भी चुनाव आयोग पर ही रहेगी।

आने वाले समय में इस मामले पर और भी बहस हो सकती है, लेकिन फिलहाल इतना साफ है कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए केवल आधार ही काफी नहीं है।

spot_img
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Share post:

New Delhi
fog
10.1 ° C
10.1 °
10.1 °
100 %
0kmh
100 %
Mon
16 °
Tue
23 °
Wed
23 °
Thu
23 °
Fri
23 °
Video thumbnail
बात हिन्दुओं की आई... Amit Shah के सामने Mithun Chakraborty ने दिया बहुत तगड़ा भाषण! Viral
10:03
Video thumbnail
Ajit Doval का दमदार सनातनी भाषण, Babur-राणा सांगा पर जो बोला उसे सुनकर चौंक जायेगा पूरा देश! Doval
09:14
Video thumbnail
मंच से खड़े होकर बांग्लादेश पर Yogi का सबसे तगड़ा भाषण, कहा- 'गलतफहमी में मत रहना'...| Viral |
11:56
Video thumbnail
बच्चों के बीच बच्चे बने Modi तो नाक सिकोड़कर इस इस बच्ची ने दिया मजेदार बयान! Modi | Viral
08:34
Video thumbnail
सदन में बांग्लादेशी मुसलमानों पर गुस्से से टूट पड़े Amit Shah, 57 मुस्लिम देश में हैरान रह जायेंगे!
08:50
Video thumbnail
सिर्फ 10 सेकेंड में औरंगज़ेब प्रेमियों को सिखों के सामने CM योगी ने लगा दिया 'करंट'! Yogi Speech
09:16
Video thumbnail
Kumar Vishwas Viral Speech: मंच पर ठहाके मारकर हंसे CM Yogi और Rajnath Singh, VIDEO वायरल
15:39
Video thumbnail
#cmyogi पर कुमार विश्वास का मजेदार अंदाज वायरल #kumarvishwas #ytshorts #shorts
00:57
Video thumbnail
अटल जी की शादी के ऑफर पर Rajnath Singh का चौंकाने वाला भाषण सुनकर Modi-Yogi भी हैरान ! Pakistan
09:19
Video thumbnail
तौकीर रज़ा पर फायरब्रांड Yogi का रौद्र रूप, कहा- 'दंगा कैसे होता है बरेली के मौलाना से पूछ लो'...
12:18

Subscribe

spot_img
spot_imgspot_img

Popular

spot_img

More like this
Related