AIN NEWS 1 | नोएडा से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने समाज और कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक विवाहित महिला को प्रेमजाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर उससे निकाह कर लिया गया। पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश पर महिला को चेन्नई से बरामद किया और मुख्य आरोपी समेत उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मामला कैसे शुरू हुआ
गढ़ी चौखंडी, नोएडा की रहने वाली प्रिया शर्मा एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थीं। शादीशुदा होने के साथ-साथ वह छह साल के बेटे की मां भी हैं। काम के दौरान उनकी मुलाकात बिहार के सीवान निवासी राजा मियां उर्फ एहसान हुसैन से हुई। धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी और आरोपी ने महिला को अपने जाल में फंसा लिया।
परिवार का आरोप है कि आरोपी ने प्रिया पर दबाव डालकर धर्म परिवर्तन कराया और उनका नया नाम खुशबू खातून रख दिया। इसके बाद 1 मई 2025 को बहरामपुर गांव में दोनों का निकाह भी करा दिया गया।
अदालत का हस्तक्षेप
प्रिया की मां को जब बेटी की स्थिति का अंदेशा हुआ तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में बताया गया कि 3 अगस्त को राजा मियां और उसके साथी जहीर बाबू बेटी को घर से बहला-फुसलाकर ले गए और बंधक बना लिया।
इस गंभीर शिकायत पर अदालत ने नोएडा पुलिस को निर्देश दिए कि महिला को बरामद कर 8 सितंबर को अदालत में पेश किया जाए। इसके बाद फेज-3 थाना पुलिस ने लगातार तलाश की और आखिरकार महिला को चेन्नई से सकुशल बरामद कर लिया।
पुलिस जांच में सामने आई सच्चाई
पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए –
आरोपी ने धोखे और धमकी देकर महिला से धर्म परिवर्तन कराया।
निकाह के लिए बनाए गए निकाहनामे में फर्जी नाम और रिश्तेदारी लिखी गई।
आरोपी की मां अनीशा बेगम को महिला की फूफी और भाई इरशाद को उसका असली भाई दिखाकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए।
इस पूरे षड्यंत्र में काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन की भूमिका भी पाई गई।
सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि प्रिया का अपने पहले पति शिवम शर्मा से अभी तक तलाक नहीं हुआ था। यानी यह निकाह पूरी तरह गैर-कानूनी और धोखाधड़ी से किया गया।
पुलिस की कार्रवाई
गढ़ी चौखंडी चौकी प्रभारी योगेंद्र सिंह ने इस मामले में पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।
मुख्य आरोपी एहसान हुसैन,
पिता बिस्मिल्लाह मियां,
मां अनीशा बेगम को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
वहीं आरोपी का भाई इरशाद और काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन अभी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस दोनों की तलाश में दबिश दे रही हैमहिला का बयान
जब पुलिस ने प्रिया से पूछताछ की तो उसने कहा कि अब वह मुस्लिम बन चुकी है और शरिया कानून की पढ़ाई कर रही है। लेकिन परिवार का दावा है कि यह सब उसने दबाव और प्रलोभन में आकर कहा है। पुलिस भी मानती है कि महिला को पूरी तरह स्वतंत्र माहौल में अपनी बात कहने का अवसर मिलना चाहिए।
पहले भी हो चुकी है बरामदगी
यह पहला मौका नहीं है जब प्रिया को आरोपी के कब्जे से निकाला गया हो। इससे पहले भी पुलिस उसे छुड़ा चुकी थी। लेकिन इस बार मामला अदालत के आदेश से और अधिक गंभीर हो गया।
समाज और कानून पर सवाल
यह घटना केवल एक महिला और उसके परिवार के लिए दर्दनाक नहीं बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि –
ऐसे मामलों में महिलाओं को कानूनी और मानसिक सहयोग की सख्त जरूरत होती है।
धर्म परिवर्तन और शादी की प्रक्रिया का दुरुपयोग रोकना सरकार और समाज की जिम्मेदारी है।
पुलिस और अदालतों को ऐसे मामलों में तेजी और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
यह मामला उन घटनाओं में से एक है जो दिखाता है कि किस तरह मजबूरी, प्रलोभन और दबाव का इस्तेमाल करके महिलाओं को धर्म परिवर्तन और निकाह के लिए बाध्य किया जा रहा है।