AIN NEWS 1 | गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (GCMMF), जो “Amul” ब्रांड के तहत अपने उत्पाद बेचता है, ने उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। जीएसटी स्लैब में हाल ही में हुए बदलाव का सीधा असर अब लोगों की जेब पर दिखने लगा है। मदर डेयरी के बाद अब अमूल ने भी 700 से अधिक प्रोडक्ट पैक की कीमतें घटाने का ऐलान किया है। इस फैसले से मक्खन, घी, आइसक्रीम, पनीर और बेकरी आइटम जैसे रोज़मर्रा के उत्पाद अब पहले से सस्ते मिलेंगे।
कब से लागू होंगी नई कीमतें
अमूल की ओर से जारी बयान के अनुसार, संशोधित कीमतें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। यानी उपभोक्ता उसी दिन से कम दामों पर ये उत्पाद खरीद सकेंगे।
किन-किन प्रोडक्ट्स पर असर
नई दरें अमूल के लगभग सभी लोकप्रिय और बड़े पैमाने पर बिकने वाले उत्पादों पर लागू होंगी। इसमें शामिल हैं:
घी
मक्खन
यूएचटी दूध
आइसक्रीम
पनीर
चॉकलेट
बेकरी आइटम
फ्रोजन स्नैक्स और आलू आधारित प्रोडक्ट्स
कंडेंस्ड मिल्क
पीनट स्प्रेड
माल्ट बेस्ड ड्रिंक
इस तरह यह कदम उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा क्योंकि ये सभी प्रोडक्ट्स रोजमर्रा की खपत में आते हैं।
मक्खन और घी हुए सस्ते
कंपनी ने बताया कि मक्खन (100 ग्राम पैक) का एमआरपी 62 रुपये से घटाकर 58 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, घी की कीमत में 40 रुपये की कमी की गई है, अब यह 610 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा।
चीज़, पनीर और आइसक्रीम भी कम दामों पर
अमूल प्रोसेस्ड चीज़ ब्लॉक (1 किलो) का दाम 30 रुपये घटाकर 545 रुपये कर दिया गया है।
फ्रोजन पनीर (200 ग्राम) अब 99 रुपये की बजाय 95 रुपये में मिलेगा।
आइसक्रीम समेत कई फ्रोजन उत्पाद भी कम दामों पर उपलब्ध होंगे।
ग्राहकों को मिलेगा सीधा फायदा
अमूल का कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य उपभोक्ताओं तक जीएसटी कटौती का पूरा लाभ पहुँचाना है। कंपनी का मानना है कि कम कीमतों से उत्पादों की खपत बढ़ेगी। खासकर मक्खन, पनीर और आइसक्रीम जैसे आइटम भारत में अभी भी कम खाए जाते हैं। ऐसे में दाम घटने से इनकी मांग बढ़ने की संभावना है।
मदर डेयरी ने भी किया था ऐलान
ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे पहले मदर डेयरी ने भी 22 सितंबर से अपने उत्पादों की कीमतें घटाने की घोषणा की थी। यानी उपभोक्ताओं को एक साथ दो बड़ी ब्रांड कंपनियों से राहत मिलने वाली है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, लेकिन फिर भी यहां डेयरी उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत वैश्विक स्तर पर कम मानी जाती है। महंगाई और बढ़ती लागत अक्सर उपभोक्ताओं को इन उत्पादों से दूर कर देती है। ऐसे में अमूल का यह कदम न केवल ग्राहकों के लिए राहत है, बल्कि कंपनी के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इससे खपत बढ़ेगी और बिक्री में इजाफा होगा।
उपभोक्ताओं पर असर
यह कदम खासतौर पर मिडिल क्लास और रोजाना डेयरी उत्पाद इस्तेमाल करने वाले परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। मक्खन, घी और पनीर जैसे आइटम जो पहले महंगे लगते थे, अब सामान्य बजट में आसानी से खरीदे जा सकेंगे।
भविष्य की उम्मीदें
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसी ही कीमतों में कटौती अन्य कंपनियां भी करती हैं, तो डेयरी सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और तेज़ होगी। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा।