AIN NEWS 1: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म से जुड़े दो पैन कार्ड मामले में कानूनी लड़ाई अभी जारी है। दोनों नेताओं को निचली अदालत ने इस मामले में सात-सात साल की कैद और 50–50 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया था। इसी फैसले के खिलाफ दायर अपील और जमानत याचिका पर मंगलवार को एमपी–एमएलए सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन यह सुनवाई अब आगे बढ़ा दी गई है।
✔ अभियोजन पक्ष ने मांगा अतिरिक्त समय
मंगलवार को अदालत में जब सुनवाई शुरू हुई तो अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से लिखित रूप में यह अनुरोध किया कि उन्हें अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए। अभियोजन ने कहा कि केस से जुड़े कुछ दस्तावेज़ और तर्क तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें पूरा करने में समय लगेगा। कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार कर लिया और सुनवाई को स्थगित कर दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। उसी दिन अभियोजन अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत करेगा और दोनों पक्षों की दलीलें भी सुनी जाएँगी।
✔ 19 नवंबर को दाखिल की गई थी अपील
आज़म खां और अब्दुल्ला आज़म ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सात साल की सजा के खिलाफ 19 नवंबर को सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी। इस अपील पर 26 नवंबर को सुनवाई तय थी। उम्मीद थी कि मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू होगी, लेकिन अभियोजन की मांग पर मामला आगे बढ़ गया।
आज़म खान और उनके बेटे दोनों ने जमानत याचिका भी इसी अपील के साथ दाखिल की थी, इसलिए जमानत पर भी मंगलवार को कोई आदेश नहीं दिया जा सका।
✔ दो पैन कार्ड केस क्या है?
यह मामला उस समय का है जब आरोप लगा था कि आज़म खां और उनके बेटे अब्दुल्ला ने दो अलग-अलग दस्तावेज़ों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए। एक ही व्यक्ति के पास दो पैन कार्ड रखना कानूनन अपराध माना जाता है, क्योंकि यह फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, टैक्स रिकॉर्ड और पहचान के नियमों का उल्लंघन करता है।
निचली अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रमाण और दस्तावेज़ों के आधार पर दोनों को दोषी ठहराया था। फैसले ने राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा पैदा कर दी थी, क्योंकि यह मामला लंबे समय से राजनीतिक विवादों से घिरा हुआ रहा है।
✔ फैसले के खिलाफ पिता-पुत्र की कानूनी लड़ाई
फैसले के बाद आज़म खां और अब्दुल्ला दोनों ने तुरंत उच्च अदालत का रुख किया। उन्होंने कहा कि उन्हें निचली अदालत का फैसला स्वीकार नहीं है और यह कानूनी दृष्टि से गलत है। इसी वजह से उन्होंने अपील और जमानत दोनों के लिए याचिका दाखिल की।
सेशन कोर्ट में मंगलवार को दोनों याचिकाएँ सूचीबद्ध थीं। लेकिन अभियोजन की आपत्ति न आने के चलते न तो जमानत पर फैसला हो सका और न ही अपील पर सुनवाई आगे बढ़ी।
✔ अदालत परिसर में दिनभर हलचल
मामले की संवेदनशीलता और राजनीतिक महत्व को देखते हुए मंगलवार को अदालत परिसर में सुबह से ही हलचल बनी रही। मीडिया की नजर इस पर टिकी थी कि कोर्ट क्या फैसला सुनाने वाला है। हालांकि, अभियोजन की मांग के बाद अदालत ने सुनवाई आगे बढ़ाने का निर्णय दिया, जिससे आज का दिन बिना किसी बड़े आदेश के ही समाप्त हो गया।
✔ अभियोजन पक्ष का बयान
एडीजीसी सीमा राणा ने बताया कि मामले की गंभीरता और दस्तावेज़ों की संख्या को देखते हुए अभियोजन ने कोर्ट से समय मांगा था। उन्होंने कहा कि आपत्तियाँ तैयार करना जरूरी है ताकि कोर्ट को सही और पूर्ण जानकारी दी जा सके। कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और सुनवाई को नई तिथि पर स्थगित कर दिया।
✔ 5 दिसंबर की सुनवाई क्यों अहम?
कानूनी और राजनीतिक दोनों पहलुओं से 5 दिसंबर की तारीख बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस दिन अभियोजन अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत करेगा।
दोनों पक्ष बहस के लिए तैयार रहेंगे।
संभव है कि जमानत याचिका पर भी कोई निर्णय आए।
और यह भी तय हो सकता है कि अपील की सुनवाई आगे कैसे बढ़ेगी।
आजम खां और उनके बेटे के लिए यह तारीख इसलिए भी खास होगी क्योंकि अगर जमानत मिल जाती है, तो उनके लिए राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर राहत मिल सकती है।
The double PAN card case involving Azam Khan and his son Abdullah Azam has once again attracted significant political and legal attention. Their bail plea and appeal challenging the seven-year sentence were scheduled for hearing, but the court adjourned the proceedings after the prosecution sought more time. As the next hearing on December 5 approaches, this case remains one of the most closely watched legal battles in Indian political news, especially due to the allegations of PAN card fraud and the implications for both leaders.






