AIN NEWS 1: IAS संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर की गई कथित अभद्र टिप्पणी के बाद मामला लगातार गरमाता जा रहा है। लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस बयान को न सिर्फ एक समुदाय का अपमान बताया है, बल्कि पूरे देश की बेटियों पर हमला करार दिया है। उनका कहना है कि भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च सम्मान दिया गया है—“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता”—यानी जहां नारी का सम्मान होता है, वही स्थान भगवानों का निवास माना जाता है। ऐसे में किसी भी महिला या समुदाय की बेटियों के खिलाफ की गई अशोभनीय टिप्पणी भारतीय मूल्यों का सीधा अपमान है।
नंदकिशोर गुर्जर का कड़ा रुख
MLA नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि IAS संतोष वर्मा का यह बयान सिर्फ सोशल मीडिया पर विवाद पैदा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे समाज में जातीय तनाव और सामाजिक विद्वेष फैलने का खतरा है। उनका आरोप है कि इस तरह की भाषा का उपयोग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि संतोष वर्मा पहले भी महिलाओं से जुड़े अपराधों और जालसाजी जैसे मामलों में विवादों में रहे हैं।
“देश की बेटियों का अपमान किसी कीमत पर स्वीकार नहीं”
गुर्जर ने स्पष्ट कहा कि महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है। उनके अनुसार, देश की बेटियाँ किसी भी जाति या वर्ग की हों, उनका सम्मान सबसे ऊपर है। किसी भी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह की टिप्पणी समाज में गलत संदेश देती है और इससे युवाओं में भी गलत दिशा में सोच विकसित होती है।
कौन दे रहा संरक्षण?—गुर्जर ने उठाए सवाल
विधायक ने यह सवाल भी उठाया कि आखिर इस तरह के लोगों के पीछे कौन-सा गिरोह या समूह सक्रिय है? कौन लोग इन गतिविधियों का समर्थन, संरक्षण और फंडिंग कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि समाज में असामाजिक गतिविधियाँ फैलाने के पीछे किसका हाथ है।
रासुका लगाने की मांग
नंदकिशोर गुर्जर ने बताया कि उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नारी सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन को औपचारिक तहरीर देकर IAS संतोष वर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) सहित कठोर धाराओं में FIR दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि कानून को ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति समाज में नफरत फैलाने या महिलाओं का अपमान करने की हिम्मत न करे।
“यह सिर्फ एक सोच नहीं, एक बड़ी साजिश भी हो सकती है”
गुर्जर ने कहा कि संतोष वर्मा की टिप्पणी किसी व्यक्तिगत सोच का परिणाम हो सकती है, लेकिन यह भी संभव है कि इसके पीछे कोई संगठित प्रयास हो, जो जातिगत तनाव और अराजकता फैलाने का काम कर रहा हो। इसलिए आवश्यक है कि जांच एजेंसियाँ इस पूरे मामले की तह तक जाएँ और यह स्पष्ट करें कि क्या इस तरह की मानसिकता फैलाने वाला कोई नेटवर्क सक्रिय है।
सोशल मीडिया पर विरोध की लहर
संतोष वर्मा के कथित बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी भारी विरोध देखने को मिल रहा है। कई सामाजिक संगठनों, ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने इस बयान को निंदनीय बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग नारी सम्मान से जुड़े संदेश साझा कर रहे हैं और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन पर बढ़ा दबाव
तेजी से बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रशासन पर भी अब कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। MLA की तहरीर के बाद पुलिस और संबंधित विभागों को कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ानी पड़ सकती है। इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन ने भी कहा है कि वह सभी तथ्यों की जांच कर रहा है।
The controversy surrounding IAS Santosh Verma has intensified after MLA Nandkishor Gurjar demanded strict action and NSA charges for his alleged derogatory remarks against girls of the Brahmin community. The issue has sparked widespread outrage, highlighting concerns about women’s dignity, caste-based tension, and misuse of authority. This article explores the political reaction, social impact, and growing demand for legal action, making it relevant for readers following Indian politics, women’s rights, and administrative accountability.



















