AIN NEWS 1: आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में ईडी द्वारा दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर अब सुनवाई अगले साल जनवरी में होगी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने यह नई तारीख इसलिए तय की है क्योंकि ईडी ने अदालत से कुछ अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने के लिए और समय मांगा है।
यह मामला लंबे समय से चल रहा है और देश की राजनीति में भी समय-समय पर चर्चा का विषय रहा है। रॉबर्ट वाड्रा, जो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति हैं, इस केस में जांच का सामना कर रहे हैं। ईडी उन आरोपों की पड़ताल कर रही है जिनके मुताबिक आर्म्स डीलर संजय भंडारी द्वारा कथित अनियमित फंडिंग और विदेशी लेन-देन से जुड़े वित्तीय लाभ वाड्रा को मिले थे। हालांकि, वाड्रा इन सभी आरोपों से लगातार इनकार करते आए हैं।
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ईडी ने अदालत से क्यों मांगा समय?
ईडी ने कोर्ट को बताया कि जांच से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड अभी संकलित किए जा रहे हैं। एजेंसी का कहना है कि उन्हें इन दस्तावेजों को कोर्ट में जमा करने और केस फाइल को अपडेट करने के लिए कुछ और वक्त चाहिए। इसी कारण कोर्ट ने उसकी मांग को मानते हुए सुनवाई की तारीख जनवरी 2026 निर्धारित कर दी।
कानूनी प्रक्रिया में ऐसे अनुरोध आमतौर पर तब किए जाते हैं जब जांच एजेंसियों को नए साक्ष्य या अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जुड़े कागज़ात प्राप्त होते हैं। चूंकि यह मामला अंतरराष्ट्रीय लेन-देन और ऑफशोर कंपनियों से भी जुड़ा माना जाता है, इसलिए दस्तावेज़ी पहलुओं को पूरा करने में अतिरिक्त समय लगना स्वाभाविक है।
जुलाई 2025 में दर्ज हुआ था वाड्रा का बयान
याद दिला दें कि इसी साल जुलाई में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा का बयान PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत दर्ज किया था। यह बयान कथित लेन-देन, संजय भंडारी से संबंध और संबंधित वित्तीय गतिविधियों पर केंद्रित था। पूछताछ कई घंटों तक चली थी और उसके बाद ईडी ने दर्ज बयान को केस रिकॉर्ड में शामिल किया था।
संजय भंडारी का पूरा मामला क्या है?
संजय भंडारी एक विवादित आर्म्स डीलर रहे हैं, जिन पर कई देशों में जांच चल रही है। भारत में उनके खिलाफ कथित तौर पर डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स में गड़बड़ी, हवाला ट्रांजैक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप हैं। ईडी का दावा है कि भंडारी ने अपनी कंपनियों के जरिए अवैध कमाई की और उसे विदेशी खातों में भेजा।
इन्हीं कथित फंड्स को लेकर ईडी का आरोप है कि कुछ वित्तीय ट्रांजैक्शन रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े व्यक्तियों या कंपनियों तक पहुंचे। हालांकि, वाड्रा ने कई मौकों पर कहा है कि यह पूरा मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और वह किसी भी तरह की गड़बड़ी में शामिल नहीं हैं।
अदालत में अगली सुनवाई क्यों अहम होगी?
जनवरी में होने वाली सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि उस दिन अदालत यह देखेगी कि ईडी ने जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, उसके समर्थन में क्या नए दस्तावेज दिए गए हैं। अगर ईडी अपने दस्तावेज समय पर जमा कर देती है, तो केस एक नए चरण में प्रवेश कर सकता है।
इसके साथ ही अदालत यह भी तय कर सकती है कि आगे की सुनवाई कब और कैसे होगी, या क्या आरोप तय किए जाएँगे।
राजनीतिक प्रभाव भी बड़ा
क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर गांधी परिवार से जुड़ा है, इसलिए राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा लगातार बनी रहती है। विपक्ष सरकार पर आरोप लगाता है कि वह जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए कर रही है, जबकि सरकार और ईडी का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और जांच तथ्यों के आधार पर हो रही है।
इस पूरे विवाद के बीच रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस पार्टी के नेता कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि सरकार उन्हें निशाना बना रही है। दूसरी ओर, ईडी का कहना है कि एजेंसी किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि ठोस साक्ष्यों के आधार पर काम करती है।
आगे क्या?
जनवरी 2026 की सुनवाई से पहले ईडी को अपने दस्तावेज़ दाखिल करने होंगे। इसके बाद अदालत यह तय करेगी कि सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर आगे क्या कदम उठाए जाने चाहिए। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस केस का निष्कर्ष आने में अभी काफी समय लग सकता है, क्योंकि इसमें विदेशों से जुड़े लेन-देन और जटिल वित्तीय विवरण शामिल हैं।
यह मामला आने वाले महीनों में भी खबरों में बना रहेगा, खासकर जब कोर्ट की सुनवाई करीब आएगी या ईडी अपनी जांच से जुड़ी नई जानकारी पेश करेगी।
The Enforcement Directorate’s investigation into the Robert Vadra arms deal case continues to draw national attention. With the ED seeking additional time to file crucial documents related to the Sanjay Bhandari money laundering case, the Rouse Avenue Court has scheduled the next hearing for January 2026. As the ED investigation progresses under the PMLA, updates regarding the supplementary chargesheet and international financial transactions remain key elements boosting the visibility of this developing story.



















