AIN NEWS 1: देश के सर्राफा बाजार में सोमवार की शुरुआत निवेशकों और ग्राहकों के लिए चौंकाने वाली रही। जैसे ही बाजार खुले, चांदी की कीमतों में अचानक ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला। एक ही झटके में चांदी 6000 रुपये से ज्यादा महंगी हो गई, जबकि सोना भी अपनी तेज चाल को बरकरार रखते हुए नए उच्च स्तर के बेहद करीब पहुंच गया।
बीते कुछ दिनों से कीमती धातुओं में लगातार मजबूती देखने को मिल रही थी, लेकिन सोमवार को जो तेजी आई, उसने बाजार की दिशा को और साफ कर दिया। साफ संकेत हैं कि फिलहाल न तो चांदी रुकने के मूड में है और न ही सोना अपनी चमक कम करने को तैयार है।
🔸 अचानक क्यों उछली चांदी की कीमत?
सर्राफा बाजार से जुड़े जानकारों के मुताबिक, चांदी की कीमतों में आई इस तेजी के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण हैं। वैश्विक बाजार में डॉलर की कमजोरी, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग ने चांदी को मजबूत सहारा दिया है।
इसके अलावा, औद्योगिक मांग भी चांदी की कीमतों को ऊपर ले जाने में अहम भूमिका निभा रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि निवेशक इसे सिर्फ गहनों की धातु नहीं, बल्कि एक मजबूत औद्योगिक मेटल के तौर पर भी देख रहे हैं।
🔸 सोना भी क्यों नहीं थम रहा?
जहां चांदी में अचानक उछाल आया, वहीं सोने की कीमतों में भी लगातार मजबूती बनी हुई है। सोना पहले ही अपने रिकॉर्ड स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था और सोमवार को इसमें फिर तेजी देखने को मिली।
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और महंगाई की आशंकाओं ने सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर और आकर्षक बना दिया है। जब भी बाजार में अस्थिरता बढ़ती है, निवेशक शेयर बाजार से निकलकर सोने की ओर रुख करते हैं।
🔸 घरेलू बाजार पर अंतरराष्ट्रीय संकेतों का असर
भारत में सोने-चांदी की कीमतें काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। विदेशी बाजारों में अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो उसका असर घरेलू सर्राफा बाजार में भी साफ नजर आता है।
इसके साथ ही रुपये और डॉलर की चाल भी कीमतों को प्रभावित करती है। अगर रुपया कमजोर होता है, तो आयात महंगा हो जाता है और इसका सीधा असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ता है।
🔸 निवेशकों के लिए क्या संकेत?
बाजार में आई इस तेजी ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अभी निवेश करना सही समय है या नहीं। जानकारों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सोना और चांदी अब भी सुरक्षित विकल्प बने हुए हैं।
हालांकि, जिन निवेशकों की नजर शॉर्ट टर्म मुनाफे पर है, उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। तेज उछाल के बाद मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है, जिससे कीमतों में अस्थायी गिरावट आ सकती है।
🔸 आम ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?
सोने और चांदी की कीमतें बढ़ने का सीधा असर आम लोगों पर भी पड़ता है। शादी-विवाह और त्योहारों के सीजन में गहनों की खरीद महंगी हो जाती है। चांदी के सिक्के, बर्तन और गिफ्ट आइटम भी अब पहले से ज्यादा कीमत पर मिलेंगे।
ज्वैलर्स का कहना है कि कीमतें बढ़ने से खरीदारी पर थोड़ा असर जरूर पड़ सकता है, लेकिन भारत में सोने-चांदी के प्रति लोगों की भावनात्मक और पारंपरिक जुड़ाव के चलते मांग पूरी तरह खत्म नहीं होती।
🔸 आगे क्या रहेगा रुझान?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी कीमती धातुओं में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। अगर वैश्विक हालात ऐसे ही बने रहे, तो सोना और चांदी दोनों नए रिकॉर्ड स्तर छू सकते हैं।
हालांकि, किसी भी निवेश से पहले बाजार की स्थिति, अपने बजट और निवेश लक्ष्य को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।
कुल मिलाकर, सोमवार का दिन सर्राफा बाजार के लिए काफी अहम साबित हुआ। चांदी ने जहां 6000 रुपये से ज्यादा की छलांग लगाकर सबको चौंका दिया, वहीं सोना भी अपनी मजबूती दिखाते हुए नए शिखर की ओर बढ़ता नजर आया।
जो लोग निवेश के नजरिए से बाजार को देख रहे हैं, उनके लिए यह संकेत है कि कीमती धातुएं फिलहाल मजबूत स्थिति में हैं। वहीं, आम खरीदारों को खरीदारी से पहले कीमतों पर नजर बनाए रखना समझदारी होगी।
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