AIN NEWS 1: सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित कर खत्म किए जाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आर्थिक स्थिति पहले से कहीं अधिक मजबूत होती नजर आ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में बीजेपी को रिकॉर्ड 6,088 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि पिछले साल की तुलना में 53 प्रतिशत ज्यादा भी है।
चुनाव आयोग में दाखिल पार्टी की कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी को मिला यह चंदा देश की सभी विपक्षी पार्टियों के कुल चंदे से कई गुना ज्यादा है। इससे यह साफ हो जाता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना समाप्त होने के बाद भी कॉर्पोरेट और बड़े दानदाताओं का भरोसा सत्ताधारी पार्टी पर बना हुआ है।
Rahveer Scheme 2025: सड़क दुर्घटना में मदद करने पर मिलेगा ₹25,000 इनाम
📊 पिछले साल से कितना ज्यादा पैसा मिला?
अगर तुलना की जाए तो वित्त वर्ष 2023-24 में बीजेपी को कुल 3,967 करोड़ रुपये का दान मिला था। वहीं 2024-25 में यह रकम सीधे बढ़कर 6,088 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यानी एक ही साल में पार्टी की आय में करीब 2,100 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
यह बढ़त ऐसे समय में हुई है जब इलेक्टोरल बॉन्ड जैसी गोपनीय व्यवस्था पूरी तरह बंद हो चुकी है और राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता पर देशभर में चर्चा चल रही है।
🆚 कांग्रेस और विपक्ष से कितनी आगे बीजेपी?
वित्त वर्ष 2024-25 में बीजेपी को कांग्रेस की तुलना में करीब 12 गुना ज्यादा चंदा मिला।
जहां बीजेपी के खाते में 6,088 करोड़ रुपये आए, वहीं कांग्रेस को इस अवधि में सिर्फ 522 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ।
इतना ही नहीं, कांग्रेस समेत देश की करीब एक दर्जन विपक्षी पार्टियों को मिलाकर कुल चंदा 1,343 करोड़ रुपये रहा। यानी अकेली बीजेपी को मिली रकम, सभी विपक्षी दलों के कुल चंदे से भी लगभग पांच गुना अधिक है।
अरावली पर्वतमाला: भारत से भी पुराना इतिहास, अब वजूद पर मंडराता खतरा!
🏦 इलेक्टोरल ट्रस्ट से भी भारी फंडिंग
इलेक्टोरल बॉन्ड भले ही खत्म हो चुके हों, लेकिन इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा लगातार बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट्स ने कुल 3,811 करोड़ रुपये का दान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को दिया।
इसमें से 3,112 करोड़ रुपये अकेले बीजेपी को मिले, जो कुल इलेक्टोरल ट्रस्ट डोनेशन का 82 प्रतिशत है।
वहीं कांग्रेस को इलेक्टोरल ट्रस्ट से सिर्फ 299 करोड़ रुपये मिले, जबकि अन्य पार्टियों को मिलाकर शेष 400 करोड़ रुपये का वितरण हुआ।
📄 162 पन्नों की रिपोर्ट में क्या खुलासा?
बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग में दाखिल की गई 162 पन्नों की कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में पार्टी को इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से कुल 3,744 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
यह राशि पार्टी के कुल चंदे का करीब 61 प्रतिशत है।
बाकी 2,344 करोड़ रुपये व्यक्तियों, कॉर्पोरेट कंपनियों और अन्य स्रोतों से आए हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुल 12 में से 9 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अपनी कंट्रीब्यूशन डिटेल्स समय पर जमा कराई हैं।
🏭 इन बड़ी कंपनियों ने खोला खजाना
वित्त वर्ष 2024-25 में बीजेपी के टॉप 30 दानदाताओं में कई नामी कॉर्पोरेट कंपनियां शामिल रहीं। इनमें प्रमुख हैं:
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड – 100 करोड़ रुपये
रुंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड – 95 करोड़ रुपये
वेदांता लिमिटेड – 67 करोड़ रुपये
मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड – 65 करोड़ रुपये
डेराइव इन्वेस्टमेंट्स – 53 करोड़ रुपये
मॉडर्न रोड मेकर्स प्राइवेट लिमिटेड – 52 करोड़ रुपये
लोटस होमटेक्सटाइल्स लिमिटेड – 51 करोड़ रुपये
इसके अलावा कई अन्य कंपनियों और व्यक्तियों ने भी बड़ी रकम दान की।
👤 व्यक्तियों और अन्य दानदाता
कॉर्पोरेट के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर भी कई नाम सामने आए हैं:
सफल गोयल रियल्टी LLP – 45 करोड़ रुपये
ITC लिमिटेड – 39 करोड़ रुपये
ग्लोबल आइवी वेंचर्स LLP – 35 करोड़ रुपये
ITC इन्फोटेक इंडिया लिमिटेड – 33.5 करोड़ रुपये
हीरो एंटरप्राइजेज पार्टनर वेंचर्स – 30 करोड़ रुपये
मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड – 30 करोड़ रुपये
सुरेश अमृतलाल कोटक – 30 करोड़ रुपये
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड – 27 करोड़ रुपये
ये आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को उद्योग जगत और हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स का मजबूत समर्थन लगातार मिल रहा है।
🔍 क्या संकेत देता है यह ट्रेंड?
इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खत्म होने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि राजनीतिक दलों को मिलने वाला कॉर्पोरेट चंदा घटेगा। लेकिन बीजेपी के आंकड़े इस धारणा को पूरी तरह गलत साबित करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सत्ता में रहने, नीतिगत स्थिरता और मजबूत संगठनात्मक ढांचे के कारण बीजेपी अभी भी कॉर्पोरेट सेक्टर की पहली पसंद बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़े यह साफ कर देते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड भले ही इतिहास बन चुके हों, लेकिन बीजेपी की फंडिंग मशीनरी पूरी रफ्तार से चल रही है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की तुलना में बीजेपी की आर्थिक बढ़त न सिर्फ विशाल है, बल्कि भविष्य की चुनावी रणनीतियों पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
The Bharatiya Janata Party (BJP) received record-breaking political donations worth Rs 6,088 crore in FY 2024-25, even after the Supreme Court struck down the electoral bonds scheme. Corporate funding to BJP remained significantly higher than Congress and other opposition parties, highlighting BJP’s dominance in political funding, electoral trust donations, and corporate support in India.



















