अदाणी समूह ने विस्तार पर निवेश रोका
अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने पर फोकस
निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश
AIN NEWS 1: 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप को बुरी तरह हिलाकर रख दिया है। इस बीच गौतम अदाणी अमीरों की लिस्ट में तीसरे से 35वें स्थान पर लुढ़क गए थे। हालांकि बाद में वो वापसी करके 21वें नंबर पर आ गए हैं। इसके अलावा अदाणी समूह के शेयर औंधे मुंह लुढ़क गए हैं। इन आरोपों की सच्चाई पर फिलहाल तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मार्केट रेगुलेटर सेबी जांच कर रहा है।
अदाणी समूह ने विस्तार पर निवेश रोका
ऐसे में निवेशकों का भरोसा बरकरार रखने के लिए अदाणी ग्रुप ने अपनी रणनीति को एकदम बदल दिया। समूह ने आक्रामक विस्तार की जगह कर्ज कम करने पर फोकस किया। ग्रुप ने अपने गिरवी शेयरों को छुड़ाने पर ध्यान दिया। लेकिन इस चक्कर में अदाणी ग्रुप के हाथ से एक के बाद एक कई प्रोजेक्ट्स निकल गए हैं। इसकी ताजा मिसाल पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट है जहां पैसे की कमी के चलते अदाणी ग्रुप ने काम रोक दिया है।
अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने पर फोकस
34,900 करोड़ रुपये का ये पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट 2021 में शुरु किया गया था। इसके लिए अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनोमिक जोन की मीन पर कोल टू पीवीसी प्लांट स्थापित करने के लिए मुंद्रा पेट्रोकेम लिमिटेड बनाई गई थी। लेकिन अब ग्रुप ने वेंडर्स और सप्लायर्स को तुरंत सभी तरह की एक्टिविटीज रोकने को कहा है। लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप का ये पहला प्रोजेक्ट नहीं है जिसे रोका गया है। इसके पहले अदाणी पावर ने डीबी पावर को खरीदने के लिए किया गया सौदा रद्द कर दिया था। जबकि 2022 में डीबी पावर डील के एलान के वक्त ये इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में अदाणी ग्रुप की दूसरी सबसे बड़ी मर्जर एंड एक्विजिशन डील थी।
निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश
इस डील को CCI से भी मंजूरी मिल गई थी। डील को पूरा करने की मियाद 4 बार बढ़ाई गई थी और इसे पूरा करने की आखिरी मियाद भी 15 फरवरी को खत्म हो गई। लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च के झटकों से जूझ रहा अडानी ग्रुप इस डील को पूरा करने में नाकाम रहा। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी एंटरप्राइजेज को 20 हज़ार करोड़ रुपये का FPO वापस लेना पड़ा था। इसके साथ ही अदाणी ग्रुप ने पीटीसी इंडिया लिमिटेड से भी हाथ पीछे खींच लिए हैं। अदाणी ग्रुप इस सरकारी इलेक्ट्रिसिटी ट्रेडर कंपनी के लिए बोली लगाने की तैयारी में था। पीटीसी इंडिया लिमिटेड में 4 सरकारी कंपनियों NTPC, NHP, पावर ग्रिड और पावर फाइनेंस की हिस्सेदारी है। ये कंपनियां पीटीसी इंडिया में अपनी 4-4 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। अगर पीटीसी इंडिया अदाणी की झोली में आती तो इससे देश के एनर्जी वैल्यू चेन में उनकी पकड़ और मजबूत होती।