AIN NEWS 1: सर्दियों में आपने कई बार महसूस किया होगा कि जैसे ही आप किसी धातु की चीज़ जैसे कार का गेट, दरवाज़ा, बैग की चेन या कंबल को छूते हैं, अचानक एक हल्का करंट जैसा झटका लगता है। यह झटका बिल्कुल असली करंट जैसा होता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि ऐसा बिना किसी बिजली कनेक्शन के होता है।
इस घटना को स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी कहा जाता है, और इसके पीछे एक दिलचस्प साइंस छुपा है। इस लेख में हम सरल भाषा में समझेंगे कि आखिर ऐसा क्यों होता है और यह सबसे ज़्यादा सर्दियों में ही क्यों होता है।
1. क्या है स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी?
स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी या स्थैतिक विद्युत एक प्रकार की विद्युत ऊर्जा है, जो तब उत्पन्न होती है जब दो वस्तुएं आपस में रगड़ खाती हैं और इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान होता है। इससे एक वस्तु में नेगेटिव चार्ज और दूसरी में पॉजिटिव चार्ज इकट्ठा हो जाता है।
जब कोई व्यक्ति ऐसी वस्तु को छूता है, जिसमें इलेक्ट्रॉन्स अधिक होते हैं (नेगेटिव चार्ज), और उसके शरीर में कम चार्ज होता है (या पॉजिटिव चार्ज), तो ये चार्ज अचानक संतुलन बनाने की कोशिश करता है। इसी प्रक्रिया में बिजली जैसी हल्की सी चिंगारी निकलती है, जिसे हम झटके की तरह महसूस करते हैं।
2. इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और एटम का रोल
हमारी दुनिया में मौजूद हर चीज़ छोटे-छोटे कणों यानी एटम (Atom) से बनी होती है। एक एटम के तीन मुख्य भाग होते हैं:
इलेक्ट्रॉन (Electron) – इनमें नेगेटिव चार्ज होता है
प्रोटॉन (Proton) – इनमें पॉजिटिव चार्ज होता है
न्यूट्रॉन (Neutron) – ये न्यूट्रल होते हैं
सामान्य स्थिति में, किसी एटम में इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या बराबर होती है, जिससे वह न्यूट्रल रहता है। लेकिन जब यह संतुलन बिगड़ता है और इलेक्ट्रॉन्स की संख्या बढ़ जाती है, तब वस्तु में नेगेटिव स्टैटिक चार्ज बन जाता है।
3. स्टैटिक चार्ज कैसे बनता है?
जब हम ऊनी कपड़े पहनते हैं, प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठते हैं या रबर के सोल वाली चप्पल पहनकर कार से बाहर निकलते हैं, तो हमारे शरीर और उन वस्तुओं के बीच रगड़ होती है। इससे इलेक्ट्रॉन्स एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर हो जाते हैं। यह ट्रांसफर बिना किसी तार या बिजली के सप्लाई के होता है।
अगर आपके शरीर पर नेगेटिव चार्ज जमा हो गया है और आप किसी ऐसी वस्तु को छूते हैं जो न्यूट्रल है या जिसमें पॉजिटिव चार्ज है, तो इलेक्ट्रॉन्स तेजी से बहकर उस वस्तु की ओर चले जाते हैं। इसी प्रक्रिया में आपको झटका लगता है।
4. सर्दियों में ही क्यों लगते हैं ज्यादा झटके?
सर्दियों का मौसम इस प्रक्रिया के लिए सबसे अनुकूल होता है क्योंकि:
सर्दियों में हवा सूखी (Dry) होती है
वातावरण में नमी की मात्रा कम हो जाती है
सूखी हवा इलेक्ट्रॉन्स को स्थिर रहने देती है, जिससे चार्ज इकट्ठा होता रहता है
वहीं, गर्मियों में हवा में नमी होने के कारण इलेक्ट्रॉन्स आसानी से डिस्चार्ज हो जाते हैं, इसलिए झटके नहीं लगते
यही कारण है कि स्टैटिक शॉक या करंट जैसा झटका सर्दियों में ज्यादा और गर्मियों में बहुत कम महसूस होता है।
5. किन चीजों से स्टैटिक चार्ज बनता है?
कुछ आम चीजें जो स्टैटिक चार्ज बनाती हैं:
ऊनी कपड़े
प्लास्टिक बैग्स
कार सीट्स (खासतौर पर सिंथेटिक सीट्स)
रबर सोल जूते
सिंथेटिक चादर या कंबल
बालों में कंघी करना (सूखे बालों में ज्यादा देखा जाता है)
6. इससे कैसे बचें?
हालांकि स्टैटिक शॉक नुकसानदायक नहीं होता, लेकिन ये असहज जरूर हो सकता है। इससे बचने के लिए कुछ आसान उपाय हैं:
नमी बनाए रखें: कमरे में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें
कॉटन के कपड़े पहनें: सिंथेटिक और ऊनी कपड़े स्टैटिक चार्ज ज्यादा बनाते हैं
जूते बदलें: रबर सोल की जगह लेदर सोल वाले जूते पहनें
मेटल छूने से पहले लकड़ी या दीवार को छुएं
फैब्रिक सॉफ्टनर का उपयोग करें कपड़े धोते समय
सर्दियों में झटके लगना कोई रहस्य नहीं है, बल्कि यह एक सरल वैज्ञानिक प्रक्रिया का नतीजा है, जिसे हम स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी कहते हैं। जब हमारे शरीर या कपड़ों पर इलेक्ट्रॉन्स जमा हो जाते हैं और वे किसी न्यूट्रल या पॉजिटिव चार्ज वाली चीज़ से संपर्क में आते हैं, तो तुरंत डिस्चार्ज होता है और हमें हल्का करंट लगता है। इसे समझकर हम इससे आसानी से बच सकते हैं।
Static electricity is a common reason why we feel a sudden electric shock when touching objects like a car door, blanket, or bag during winter. This shocking sensation is caused by static charge building up due to dry weather, low humidity, and friction. The imbalance of electrons and protons in our body and other surfaces creates a discharge when contact occurs. Understanding the science behind static electricity helps us know why these shocks are more common in cold, dry climates and how to avoid them.