ब्रिटेन के स्कूलों में नफरत का सामना कर रहे हैं हिंदू बच्चे
51 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे ने झेली नफरत
शाकाहारी होने या स्वास्तिक की पूजा के लिए किया गया परेशान
AIN NEWS 1: ब्रिटेन में स्थित एक संस्था ने बुधवार के एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश के स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत फैलने को लेकर आगाह किया गया है। इस रिपोर्ट में कुछ घटनाओं के उदाहरण दिए गए है, जिनमें हिंदुओं को इस्लाम अपनाने के लिए परेशान किए जाने समेत अलग अलग घटनाओं का जिक्र है। आतंकवाद रोधी संस्था हैनरी जैक्सन सोसाइटी ने ‘स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत’ रिपोर्ट में कहा है कि जिन हिंदू अभिभावकों से बातचीत की गई, उनमें से 51 फीसदी ने बताया कि उनके बच्चे को हिंदू-विरोधी नफरत का सामना करना पड़ा है।
ब्रिटेन के स्कूलों में नफरत का सामना कर रहे हैं हिंदू बच्चे
स्टडी में शामिल कुछ लोगों ने कहा है कि हिंदू धर्म की शिक्षा के मामले में भी हिंदू छात्रों के साथ धार्मिक भेदभाव किया जा रहा है। संस्था ने कहा, ‘ये रिपोर्ट ब्रिटेन के स्कूलों में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते भेदभाव को जाहिर करती है। सर्वे में शामिल 51 परसेंट हिंदू अभिभावकों ने कहा है कि उनके बच्चे ने स्कूल में हिंदू विरोधी नफरत का सामना किया है।’ संस्था ने कहा, ‘ये रिपोर्ट स्कूलों में हिंदुओं के अनुभव के बारे में ज्यादा जागरूकता और समझ पैदा करने और दूसरी तरह के संभावित पूर्वाग्रहों पर और रिसर्च किए जाने की जरुरत पर फोकस करती है।’
स्कूल जाने से डर रहे बच्चे?
संस्था ने कहा, ‘यह इस तरह की घटनाओं का पता लगाने के लिए ज्यादा विशिष्ट और सटीक सूचना तंत्र की जरुरत है।’ ब्रिटेन के स्कूलों में 16 साल की उम्र तक धार्मिक शिक्षा अनिवार्य है। ये रिपोर्ट ‘सूचना की स्वतंत्रता’ के तहत देशभर के 1,000 स्कूलों से मांगी गई जानकारी और स्कूली बच्चों के अनुभव के बारे में 988 माता-पिता से की गई बातचीत पर आधारित है। रिपोर्ट जारी करने से जुड़े कार्यक्रम में सांसद संदीप वर्मा ने कहा, ‘इस रिपोर्ट ने एक अहम मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। अगर हमारे बच्चे स्कूल जाने से डरने लगें, तो ये मंजूर नहीं है, भले ही वो किसी में भी आस्था में यकीन रखते हैं।’
भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान भड़की थी हिंसा
रिपोर्ट की लेखिका कार्लोट लिटिलवुड ने कहा कि अगस्त के आखिर में दुबई में आयोजित एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के मद्देनजर पिछले साल लीसेस्टर में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भड़की हिंसा के एनालिसिस के दौरान स्कूलों पर उनका फोकस गया। लिटिलवुड ने कहा, “हमने पाया कि शिक्षक समस्या से खेल रहे थे, इनमें समस्याओं पर पर्दा डालना और कुछ स्थानों पर हिंदू धर्म के प्रति पूर्वाग्रह युक्त विचार रखना शामिल है।” उन्होंने कहा, “अगर हमें आगे बढ़ते हुए एक समान ब्रिटेन वासी बनना है, तो हमें अपनी क्लास में सभी तरह की नफरत से निपटना होगा।”
शाकाहारी होने के लिए उड़ाया जा रहा मजाक
लिटिलवुड की रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा में हुए कुछ भेदभाव हिंदुओं और मुसलमानों के बीच लीसेस्टर में अशांति के दौरान देखी गई नफरत की अभिव्यक्तियों के समान थे। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हिंदुओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार के कई उदाहरण है, जैसे कि उनके शाकाहारी होने का मज़ाक उड़ाया जाना और उनके देवताओं का अपमान करना। ऐसा ही कुछ इस्लामवादी चरमपंथियों ने लीसेस्टर में हिंदू समुदाय के खिलाफ रैली में किया था। भारत में राजनीति और सामाजिक मुद्दों के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराए जाने के बीसियों मामले इजराइल के संबंध में यहूदियों से किए गए व्यवहार और 9/11 हमलों के बाद मुसलमानों से किए गए सलूक की याद दिलाते हैं।’
जाकिर नाइक को देखने के लिए कहा
रिपोर्ट में एक अभिभावक का हवाला देते हुए कहा गया, ‘मेरे बच्चे को कई मौकों पर दूसरे बच्चों ने परेशान किया, खासकर भारत में मोदी के प्रधानमंत्री बनने और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद। एक बच्चे ने उससे पूछा, ‘तुम लोग हमारी मस्जिदें क्यों तोड़ते हो? तुम लोग हम पर हमला क्यों करते हो?’ एक दूसरे अभिभावक ने बताया कि कुछ बच्चों ने उसके बच्चे से जाकिर नाइक के वीडियो देखने और धर्म परिवर्तन करने के लिए भी कहा।
क्लास में टीचर दे रहे हिटलर का उदाहरण
एक दूसरे मामले में एक ईसाई बच्चे ने एक हिंदू बच्चे से कहा, ‘जीसस तुम्हारे भगवान को नरक भेज देंगे।’ कुछ हिंदू बच्चों ने इस शोषण के डर से स्कूल जाने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार एक टीचर ने क्लास को बताया कि ‘सती प्रथा’ हिंदुत्व का हिस्सा थी जिससे हिंदू बच्चा अलग-थलग पड़ गया। एक अन्य मामले में एक हिंदू बच्चे पर नाजी होने का आरोप लगाया गया क्योंकि हिंदू धर्म में स्वास्तिक का इस्तेमाल किया जाता है। एक टीचर ने क्लास को बताया कि हिटलर हिंदू जाति व्यवस्था से प्रेरित था।