AIN NEWS 1: ओबीसी (OBC) आरक्षण और भर्तियों में रिजर्वेशन को लेकर उत्तर प्रदेश में इस समय फिर से काफ़ी ज्यादा सियासी बवाल मचा हुआ है. इस बार तो यूपी अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड के जरिए पंचायत अधिकारी के भर्ती में आरक्षण का मामला ही तूल पकड़ रहा है. अब इस बीच ओबीसी आरक्षण पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने भी पत्र लिखा है. केंद्रीय मंत्री ने अब अपने पत्र में ओबीसी के लिए आरक्षित पदों की पूरी सूची मांगी है. उन्होंने अपने पत्र में अपनी मांग की है कि ग्राम पंचायत अधिकारी मुख्य परीक्षा के लिए संबंधित विभाग की ओर से भेजे गए अभियाचन की जांच कराकर ओबीसी के लिए आरक्षण पदों की सूची की भी जारी कराई जाए. दरअसल, ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती के लिए कुल 1468 पदों पर इस बार भर्ती होने वाली है.

जाने इस पर क्यों उठ रहे हैं सवाल

लेकिन इस भर्ती के लिए कुल 849 पद सामान्य श्रेणी में ही रखे गए हैं. जबकि अनुसूचित जाति के लिए कुल 356 पद रखे गए हैं. वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी कुल 139 पद आरक्षित किए गए हैं. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर कैंडिडेट के लिए भी कुल 117 पद आरक्षित हैं. अब इसपर विरोधियों ने दावा किया है कि ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह केवल 9.5 फीसदी आरक्षण ही दिया गया है. विरोधियों का दावा है कि बीजेपी सरकार ओबीसी वर्ग का आरक्षण को पूरी तरह से छीनने जा रही है. इस मामले में तो पहले ही समाजवादी पार्टी कई सवाल खड़े कर रही थी. ये मुद्दा अखिलेश यादव ने भी काफ़ी जोरों से उठाया था. लेकिन अब बीजेपी गठबंधन की सहयोगी रही अनुप्रिया पटेल के पत्र से योगी सरकार पर फिर से सवाल पार्टी के अन्दर से भी उठने लगे हैं. इस पत्र से राज्य में फिर सियासी संग्राम पूरी तरह से शुरू हो गया है.इससे पहले अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाते हुए कहा था, “UPSSSC के ग्राम पंचायत अधिकारी के विज्ञापन में नियमानुसार ओबीसी के 27% की जगह केवल 9.5% पद प्रकाशित किये जाने के मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए, भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी के हक़ मारने के ख़िलाफ़ एक बड़ा आंदोलन किया जाए. भाजपा की आरक्षण विरोधी सोच हर बार सामाजिक न्याय के आड़े आती है. “

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