चीन के कर्ज जाल में फंसे कई देश

पाकिस्तान-श्रीलंका पर बढ़ा चीन का कर्ज

केन्या- जाम्बिया पर डिफॉल्ट का खतरा!

AIN NEWS 1: दुनिया के करीब एक दर्जन देश चीन के कर्ज जाल में बुरी तरह से फंस चुके हैं। इन देशों पर अरबों खरबों डॉलर का कर्ज है और वो आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहे हैं। इन देशों में पाकिस्तान, केन्या, जाम्बिया, लाओस और मंगोलिया शामिल हैं। इस देशों के विदेशी मुद्रा भंडार का ज्यादातर हिस्सा चीन के लोन का ब्याज चुकाने में खत्म हो रहा है। हालात इस कदर नाजुक हैं कि उनके पास स्कूल चलाने, जनता को बिजली देने और पेट्रोल-डीजल के लिए भी पैसे नहीं हैं। इनमें से कई देश तो कंगाल होने के मुहाने पर खड़े हैं। उनके पास कुछ ही महीने के आयात के लिए रकम बची है।

चीन के कर्ज जाल में फंसे कई देश

वहीं चीन किसी का भी लोन माफ करने या कोई राहत देने को कतई तैयार नहीं है। इसके साथ ही ये भी साफ नहीं है कि चीन ने इन देशों को किस शर्त पर और कितना लोन दिया हुआ है। सबकुछ हिडन है जिसके चलते दूसरे मुल्क भी चीन के कर्ज जाल में फंसे इन देशों की मदद के लिए आगे नहीं आ पा रहे हैं।

पाकिस्तान-श्रीलंका पर बढ़ा चीन का कर्ज

चीन का ये कर्ज जाल कितना डरावना है इसकी ताजा मिसाल श्रीलंका और जाम्बिया हैं। ये दोनों ही देश डिफॉल्ट कर चुके हैं। श्रीलंका के 1 साल पहले डिफॉल्ट करने से वहां उद्योग जगत की 5 लाख नौकरियों पर गाज गिर चुकी है। महंगाई दर 50 फीसदी के पार निकल चुकी है और देश की आधी से ज्यादा आबादी गरीब हो चुकी है।

केन्या- जाम्बिया पर डिफॉल्ट का खतरा!

जानकारों के मुताबिक अगर चीन ने गरीब देशों को दिए गए कर्ज पर नरम रुख नहीं अपनाया तो कई और देश भी डिफॉल्ट हो सकते हैं। इनमें जाम्बिया भी शामिल है। जाम्बिया ने डैम रेलवे और सड़क बनाने के लिए चीन से बड़ा लोन लिया हुआ है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आई है लेकिन अब उसे लोगों का ब्याज चुकाना भारी पड़ रहा है। जाम्बिया में हेल्थकेयर, सोशल सर्विसेज और सब्सिडी के लिए पैसा नहीं है।

पाकिस्तान पर छाया कंगाल होने का खतरा

कुछ इसी तरह का हाल संकट में फंसे पाकिस्तान का भी है जहां पर टेक्सटाइल सेक्टर में काम करने वाले लाखों कामगारों को निकाला जा चुका है। पाकिस्तान पर भारी लोन है और विदेशी मुद्रा भंडार करीब-करीब खत्म हो चुका है। उसके लिए देश में बिजली सप्लाई बनाए रखना और मशीनों को चालू रखना भारी पड़ रहा है। ऐसा ही हाल अफ्रीकी देश केन्या का भी है जहां पर सरकार ने पैसे बचाने के लिए हजारों सिविल सर्विस कर्मचारियों की तनख्वाह रोक दी है। राष्ट्रपति के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने पिछले महीने ट्वीट करके कहा था कि, ‘सैलरी या डिफॉल्ट। चॉइस आपकी।’

चीन का अड़ियल रवैया बना ब्रेकर

ऐसा नहीं है कि दूसरे देश का लोन का ये संकट पहली बार देखा जा रहा है। लेकिन पहले इस तरह के मामलों में अमेरिका, जापान और फ्रांस जैसे देश लोन को माफ कर देते थे। लेकिन चीन के मामले में ऐसा नहीं है। वो अपनी एक-एक पाई वसूलने में भरोसा रखता है। यही वजह है कि चीन का लोन चुकाते-चुकाते कई देश बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। चीन का कहना है कि उसने मुसीबत के समय इन देशों की मदद की है। साथ ही उसका दावा है कि उसने 23 अफ्रीकी देशों का लोन माफ कर दिया है।लेकिन ये लोन दो दशक से भी ज्यादा पुराना था और उसके कुल लोन का महज पांच फीसदी है।

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