AIN NEWS 1: ओडिशा के बालासोर हादसे को अब तक 100 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका हैं. राज्य सरकार के जारी आंकड़ों के मुताबिक तो इस हादसे में अब तक कुल 278 लोगों की ही मौत दिखाई जा रही है, लेकीन सूत्रो के अनुसार यह कही ज्यादा है। वहीं इस हादसे में करीब 1100 घायल लोगों को अब तक रेस्क्यू भी किया गया है. जिनमें से ज्यादातर महिलाओं बच्चो का अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है. जिनमें कुछ यात्रियों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है. वहीं अब भी वहा पर कई लाशें ऐसी भी हैं, जिनकी कोई पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, कई सारे लोग इस हादसे के बाद से ही लापता भी बताए जा रहे हैं. जिनकी तलाश में उनके परिजन भी लगातार चक्कर काट रहे हैं.

अभी तक यहां 100 से ज्यादा शव ऐसे भी हैं जिनकी नहीं हुई पहचान

रेलवे अधिकारियों की तरफ से ही बताया गया है कि कुल 278 शवों में से अब तक केवल 177 की पहचान कर ली गई है, जबकि कुल 101 शवों की पहचान करना अभी भी बाकी है और इन सभी शवों को छह अस्पतालों में ही रखा गया है. जहां इन शवों की तस्वीरें डेस्क पर रखी गई हैं, जिन्हें उनके परिजनों को दिखाया जा रहा है.

जान ले खास कंटेनरों में रखे गए शव

ओडिशा के इस दर्दनाक हादसे के बाद कई शव ऐसे भी हैं, जिन्हें लेकर कई अलग-अलग लोग अपना दावा कर रहे हैं. एक ही शव को कही तो दो परिवार ही अपना बता रहे हैं. ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अब शवो की डीएनए सैंपलिंग भी शुरू हो चुकी है. वहीं रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इन सभी शवों को खराब होने से बचाने के लिए उन्हें एक खास कंटेनरों में रखा जा रहा है. जिसमें यह सारे शव करीब 6 महीने तक वहा सुरक्षित रह सकते हैं.

जाने रेल मंत्री की उच्च स्तरीय बैठक

ओडिशा के बालासोर में इस ट्रेन हादसे के बाद बचाव और राहत कार्य की भी समीक्षा कर दिल्ली लौटे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार 6 जून को सभी अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक भी की. सूत्रों ने बताया कि रेल बोर्ड के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को ऐसी ख़ास योजना बनाने का निर्देश दिया कि रेलवे नेटवर्क से कोई भी बाहरी तत्व छेड़छाड़ न कर सकें. न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने बताया है कि डिजिटल बैठक शाम करीब पांच बजे ही शुरू हुई और दो घंटे तक यह चली.

इस हादसे में कई यात्रियों की तो करंट लगने से ही मौत की आशंका

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस से बरामद करीब 40 शवों पर तो किसी तरह की कोई चोट का निशान भी नहीं पाया गया है और इनमे माना जा रहा है कि उनकी मौत करंट लगने से हुई है. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने ही ये जानकारी दी है. बालासोर में जीआरपी थाने में दर्ज प्राथमिकी में यह संकेत दिया गया है कि ऊपर से जा रहे तारों के दुर्घटना के बाद टूटने और उनके कुछ डिब्बों में बुरी तरह से फंसने की वजह से यात्रियों को करंट भी लगा.

इस हादसे में मौत की संख्या को लेकर कई सवाल

बालासोर हादसे में मौत की संख्या को लेकर भी अभी कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आंकड़ों पर ही सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के ही इसमें 61 लोग मारे गए हैं और 182 अन्य अब भी लापता ही हैं. वहीं कांग्रेस ने इस हादसे की अब सीबीआई जांच को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उधर बीजेपी नेताओं का कहना है कि विपक्ष इस हादसे पर अपनी राजनीति कर रहा है. बता दें कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दो जून को ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से ही टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से ही गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस से जा टकरा कर पटरी से उतर गए. जिसमें अकाड़ो के अनुसार 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

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