AIN NEWS 1 नई दिल्ली: बता दें भारत ने नाइजर में हो रही व्यापक हिंसा के मद्देनजर वहां पर रहने वाले अपने देश के नागरिकों को वह देश छोड़ने की शुक्रवार को अपनी सलाह दी। अधिकारियों के अनुसार इस समय वर्तमान में लगभग 250 भारतीय नाइजर में रह रहे हैं, जहां पिछले महीने के हुए तख्तापलट के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन और हिंसा वहा पर देखी गई है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनें एक परामर्श में कहा कि जो लोग भी इस समय नाइजर की किसी भी प्रकार से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें वहा की स्थिति के सामान्य होने तक अपनी योजनाओं पर खुद ही पुनर्विचार करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि भारत नाइजर में जारी घटनाक्रम पर काफ़ी करीब से नजर रख रहा है।
जाने भारत ने अपनी अडवाइजरी में आख़िर क्या कहा
अरिंदम बागची ने अभी कहा कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, जिन भी भारतीय नागरिकों के लिए वहां रहना आवश्यक नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द ही वह देश छोड़ने की सलाह दी जाती है। वे यह भी ध्यान रखें कि हवाई क्षेत्र फिलहाल के लिए बंद है। इसलिए वहां से लौटते समय अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन सभी भारतीय नागरिकों को जिन्होंने नियामी में भारतीय दूतावास में पंजीकरण अभी तक नहीं कराया है, उन्हें बहुत शीघ्रता से ही ऐसा करने की सलाह दी जाती है। बागची ने आगे यह भी कहा कि भारतीय नागरिक अपनी किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास, नियामी में खुद संपर्क कर सकते हैं।
उन्होने कहा भारतीयों से संपर्क में दूतावास
बागची ने आगे कहा कि नियामी में भारतीय दूतावास भारतीय समुदाय के पूरी तरह से संपर्क में है और वह भारतीयों को देश से बाहर निकलने की सुविधा भी प्रदान करने पर विचार कर रहा है। हमें बताया गया है कि भारतीय (वहां) पर सुरक्षित हैं। कई यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों को नाइजर से निकाला भी है। जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने 26 जुलाई को नाइजर में तख्तापलट करके राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को उनके पद से हटाकर सत्ता पर अपना कब्जा कर लिया था।