Murshidabad Violence: Political Reactions, Supreme Court Hearing & Demand for President’s Rule in Bengal
मुर्शिदाबाद हिंसा पर सियासी घमासान: ममता बनर्जी का बीजेपी-आरएसएस पर हमला, राष्ट्रपति शासन की मांग तेज
AIN NEWS 1: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे राज्य की राजनीति को हिला कर रख दिया है। इस हिंसा में कई घरों को जला दिया गया, दुकानों को लूटा गया और लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा। इस घटना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी बढ़ गई है। ममता बनर्जी ने बीजेपी और आरएसएस पर सीधे तौर पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है, वहीं बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी है।
घटना की शुरुआत और हिंसा का विस्तार
मुर्शिदाबाद के रानीपुर और धुलियान इलाकों में उपद्रवियों ने कई घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की और आगजनी की। पीड़ितों के मुताबिक, हमलावरों ने न सिर्फ संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि महिलाओं और बच्चों पर भी हमले किए गए। कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके मवेशियों तक को लूट लिया गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। कई परिवार जान बचाकर झारखंड के साहिबगंज जिले में शरण लेने को मजबूर हुए।
पीड़ितों की दर्दभरी दास्तान
धुलियान की रहने वाली प्रीति दास ने बताया कि कैसे उपद्रवियों ने उनके घर और दुकान को जला दिया। उन्होंने कहा कि हमलावर विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बना रहे थे। “बच्चों को छत से फेंका जा रहा था, महिलाओं को पीटा जा रहा था,” प्रीति ने रोते हुए बताया।
राज्यपाल का दौरा और केंद्रीय रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने धुलियान और रानीपुर जैसे हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और केंद्र को रिपोर्ट सौंपने की बात कही। उनका यह दौरा राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है।
ममता बनर्जी का पत्र और बीजेपी पर आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक सार्वजनिक पत्र के जरिए बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये संगठन राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि मुर्शिदाबाद की घटना एक “पूर्व नियोजित साजिश” का हिस्सा है।
बीजेपी की मांग: राष्ट्रपति शासन और सेना तैनाती
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। मिथुन चक्रवर्ती ने भी राज्य में सेना की तैनाती की मांग की। उनका कहना है कि ममता सरकार के रहते राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तैयारी
मुर्शिदाबाद हिंसा अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच चुकी है। वकील शशांक शेखर झा द्वारा दायर जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस हिंसा की जांच कोर्ट की निगरानी में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से करवाई जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की विफलता के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
डीएम और पुलिस की स्थिति पर सफाई
मुर्शिदाबाद के जिलाधिकारी राजर्षि मित्रा ने कहा है कि “स्थिति अब नियंत्रण में है और पुलिस तथा केंद्रीय बल तैनात हैं।” हालांकि, स्थानीय लोग अभी भी डरे हुए हैं और कई परिवार अपने घर छोड़कर अन्य जिलों में जा चुके हैं।
राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप
बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि “अगर ममता बनर्जी फिर से सत्ता में आईं तो बंगाल में कत्लेआम होगा।” उन्होंने ममता पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि “वह फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी, बल्कि कोई मुस्लिम नेता मुख्यमंत्री बनेगा।”
संत समाज की चिंता और प्रधानमंत्री से अपील
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले का संज्ञान लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि बंगाल में हो रही घटनाएं यह दर्शाती हैं कि वहां हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है, और राज्य अब ‘बांग्लादेश’ जैसा व्यवहार कर रहा है।
वीएचपी का देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान
विश्व हिंदू परिषद ने मुर्शिदाबाद की घटनाओं के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। वीएचपी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है।
टीएमसी का पलटवार
तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये सब एक सोची-समझी साजिश है जिससे ममता बनर्जी की छवि को खराब किया जा सके। टीएमसी का दावा है कि बंगाल में सांप्रदायिक सौहार्द बना हुआ है और बीजेपी सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए हालात को बिगाड़ रही है।
आगे क्या?
मुर्शिदाबाद हिंसा अब कानून व्यवस्था से निकलकर एक बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, राष्ट्रपति शासन की मांग, और केंद्रीय हस्तक्षेप की संभावनाएं इसे और गंभीर बना रही हैं। देखना होगा कि कोर्ट की प्रक्रिया और केंद्र की प्रतिक्रिया से स्थिति किस दिशा में जाती है।
The Murshidabad violence in West Bengal has triggered a massive political storm with Mamata Banerjee accusing BJP and RSS of spreading fake narratives. The Supreme Court is set to hear a PIL demanding a court-monitored SIT investigation. BJP leaders, including Suvendu Adhikari and Mithun Chakraborty, have called for President’s Rule and army deployment in the state. As Hindu families flee the region and the governor visits riot-hit areas, this incident has ignited debates on law and order, communal harmony, and governance in Bengal. Stay updated with the latest Murshidabad violence news, political reactions, and Supreme Court proceedings.