Retired HAL Employee Cheated of 23 Lakh in Fake CBI Terror Funding Scam
आतंकी फंडिंग का डर दिखाकर रिटायर्ड एचएएल कर्मी से ठगे 23 लाख, खुद को बताया सीबीआई अधिकारी
AIN NEWS 1: लखनऊ के इंदिरानगर इलाके में रहने वाले रिटायर्ड एचएएल कर्मी राजेश कुमार कुरील साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें सीबीआई अधिकारी बनकर कॉल किया और आतंकवादी संगठनों से संबंध होने का आरोप लगाया। इस बहाने से उन्हें करीब दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और 23 लाख रुपये एक फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए गए।
कैसे हुई ठगी की शुरुआत?
राजेश कुमार को 16 अप्रैल की सुबह एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर दिल्ली में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शाखा में फर्जी खाता खोला गया है। इस खाते के जरिए आतंकी संगठनों को फंडिंग की जा रही है। यह सुनते ही राजेश घबरा गए और उन्होंने दिल्ली में किसी खाते की जानकारी होने से इनकार कर दिया।
खुद को बताया सीबीआई अधिकारी
जब राजेश ने कोई जानकारी होने से इनकार किया, तो कॉलर ने खुद को दिल्ली सीबीआई का अधिकारी बताया और वीडियो कॉल के जरिए बात की। उसने धमकी दी कि उनके खिलाफ सबूत मिल गए हैं, लेकिन चूंकि वह वृद्ध हैं, इसलिए गिरफ्तारी से पहले एक मौका दिया जा रहा है। इसके बाद ठग ने कहा कि उनके खाते में जमा पैसे की जांच करनी होगी और इसके लिए उन्हें एक विशेष खाते में पैसे ट्रांसफर करने होंगे।
डिजिटल अरेस्ट और डराने की रणनीति
ठगों ने राजेश को दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा, यानी उन्हें वीडियो कॉल पर लगातार डराते रहे और किसी से भी बात करने से मना किया। उन्हें निर्देश दिया गया कि वे यूको बैंक, हैदराबाद ब्रांच के एक खाते में अपने पैसे ट्रांसफर करें ताकि सीबीआई जांच कर सके। ठगों ने यह भी वादा किया कि जांच पूरी होने के एक घंटे बाद पैसे वापस उनके खाते में आ जाएंगे।
वृद्ध ने ठगों के झांसे में आकर किया ट्रांसफर
राजेश कुमार ने ठगों की बातों में आकर बैंक ऑफ बड़ौदा, मुंशीपुलिया शाखा से 23 लाख रुपये बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। पूरे दिन इंतजार करने के बाद भी जब पैसे वापस नहीं आए, तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई और साइबर थाने जाकर मुकदमा भी दर्ज कराया।
पुलिस कर रही जांच
साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बृजेश यादव के अनुसार, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ट्रांजेक्शन को फ्रीज कराने का प्रयास किया है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है और संबंधित खातों की जानकारी जुटाई जा रही है।
क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
इस तरह की साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर बुजुर्गों को टारगेट कर ठग उन्हें डर और भ्रम में डालकर पैसे हड़प लेते हैं। सीबीआई, एनआईए या किसी अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी अगर किसी से संपर्क करता है, तो वह आधिकारिक पत्र के माध्यम से करता है, न कि कॉल या वीडियो कॉल के जरिए।
क्या करें और क्या न करें?
1. किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर सतर्क रहें।
2. सरकारी एजेंसियों से जुड़े होने का दावा करने वालों की बातों को बिना जांचे न मानें।
3. कभी भी अपने बैंक डिटेल्स किसी को न दें।
4. अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर डराने की कोशिश करे, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
A retired HAL employee fell victim to a major cybercrime incident in India, where fraudsters posing as CBI officers digitally arrested him and tricked him into transferring Rs 23 lakh under the pretext of a terror funding investigation. This alarming case of digital arrest and online fraud raises concerns about growing cyber threats targeting senior citizens and highlights the urgent need for cyber awareness and police intervention.