Ainnews1.Com : आपको बताते चले की राजधानी में 10 जुलाई तक सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) के प्रतिबंधित आइटमों को लेकर ज्यादा जोर जागरुकता और विकल्पों पर रहेगा मतलब लोगो क़ो समझाने का कार्य होगा । इसके अलावा जो इंडस्ट्री एसयूपी की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी हैं उन्हें उनके विकल्प बनाने के लिए इंसेंटिव भी दिए जाने की योजना है । अधिकारियों के अनुसार, विकल्पों को लेकर ही अभी अधिक फोकस है। कोशिश है कि लोगों को आसानी से और सस्ते विकल्प उपलब्ध हो सके । कोविड के कारण इस समय हर तरह बेरोजगारी की समस्या काफी अधिक है। बिजनेस में उतार-चढ़ाव काफ़ी बना हुआ है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में इन आइटमों को बनाने वाले उद्योग, डिस्ट्रिब्यूटर और इन्हें बेचने वाले प्रभावित होना स्वाभाविक ही हैं।हालांकि 10 जुलाई तक यदि इन उत्पादों से जुड़े नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा तो ऐसे उद्योगों को सरकार की तरफ से वॉर्निंग नोटिस जारी किए जाएंगे। 10 जुलाई के बाद ही दोबारा उल्लंघन पर कड़े एक्शन की तैयारी होगी । राजधानी में जितने भी सिंगल यूज आइटम सील किए जाएंगे उन्हें वेस्ट टु एनर्जी प्लांट में भेजा जाएगा। इंडियन पल्यूशन कंट्रोल असोसिएशन के फाउंडर आशीष जैन के अनुसार, एसयूपी पर लगाए गए प्रतिबंध पिछले कुछ सालों से जो लगाए प्लास्टिक से अलग हैं। हालांकि सरकारें पुराने नियमों को सख्ती से लागू करवाने में काफ़ी विफल रही हैं। ऐसे में इस बार अभी तक इस बैन को लोग गंभीरता से भी नहीं ले रहे हैं। उन्हें राहत की अभी उम्मीद है।सीपीसीबी ने 1 जुलाई को नैशनल कंट्रोल रूम नंबर 011-43012466 जारी किया जा चुका है । यह नंबर 1 जुलाई से 21 जुलाई तक चलना था। हफ्ते के सभी सातों दिन सुबह 9.30 बजे से शाम 6 बजे तक इस नंबर को काम करना था। लेकिन शनिवार को यह नंबर शाम 5 बजे तक शुरू ही नहीं हो पाया। हालांकि लोग सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध से जुड़ी शिकायतें, सुझाव, समस्या व संशय की स्थिति में [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं।ऑल इंडिया प्लास्टिक इंडस्ट्री असोसिएशन की दिल्ली इकाई के चीफ पैट्रन रवि अग्रवाल ने भी बयान जारी कर आरोप लगाया है कि नए नियमों को लेकर कई तरह की गलत जानकारियां बाजारों में तेजी से फैलाई जा रही हैं।
1 जुलाई से 19 एसयूपी के आइटमों पर ही बैन लगाया गया है, लेकिन इस बैन में प्लास्टिक कैरी बैग्स पर बैन अभी नहीं है। 30 सितंबर 2021 को इनकी मोटाई को 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन तो किया गया था। अब 31 दिसंबर 2022 से इन कैरी बैग की मोटाई 120 माइक्रोन तक की होगी।
इसके अलावा पैकेजिंग बैग और वस्तुएं भी इस बैन में अभी शामिल नहीं हैं। इनकी मोटाई 50 माइक्रोन या इससे अधिक भी हो सकती है। कुछ खास मामलों में इससे कम की मोटाई वाले पैकेजिंग बैग व वस्तुओं को भी छूट है। उन्होंने बताया कि मार्केट में कई तरह की अफवाहें हैं जिसकी वजह से पॉलिथीन और कैरी बैग बनाने वालों और बेचने वालों की मुश्किलें काफ़ी आ रही हैं।