देश की पहली रैपिडएक्स ट्रेन के कॉरिडोर का उद्धाटन 20 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया जाएगा बता दे साहिबाबाद से मोदी जी उद्धाटन करेंगे। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लबें प्राथमिकता खंड पर ट्रेनों पर परिचालन नरेंद्र मोदी हरी झ़ड़ी दिखाने के बाद से शुरु हो जाएगा और वही रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झड़ी दिखआ के बाद प्रधानमंत्री इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन में दुहाई तक का सफर करेंगे और फिर इसके बाद वह वसुंधरा में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि मोदी जी 20 अक्टूबर को ट्रेन को हरी झड़ी दिखा गए और 21 अक्टूबर से यात्रियों का सफर करना शुरु हो जाएगा.
साहिबाबाद से दुहाई तक का क्या होगा किराया
बता दे आपको दिल्ली से मेरठ रुट के प्राथमिकता खंड में संचालन की तैयारी के बीच रैपिड ट्रेन के किराये की घोषणा मंगलवार यानी की आज हो जाएगी। फिलहाल यह किराया साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी दूरी के लिए होगा लेकिन इसी दर पर पूरे रूट का किराया निर्धारण होगा बता दे आपको केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारिक ने बताया कि साहिबाबाद से दुहाई तक का किराया 50 रुपये तक हो सकता है जबकि पूरे रूट पर किराए की दर 2 से 3 रुपए प्रति किमी रह सकती है यानी जिस दर व अनुपात में प्राथमिकता खंड का किराया होगा वही फिर इसके 82.5 किमी लंबे पूरे कॉरिडोर पर रहेगी पूरे स्ट्रेच का किराया 160 से ₹200 के बीच रखने की कोशिश की जा रही है अधिक संभावना है 125 रुपए के आसपास की है वही रैपिड टैक्स के प्रीमियम कोच के लिए अलग से किराए तय होगी प्रीमियम कोच में साधारण कोच की अपेक्षा अधिक सुविधा होगी बताया जा रहा है कि 2009 में जब आरटीएस की परिकल्पना हुई थी तो इसकी डीपीआर ने किराया ₹2 प्रति किलोमीटर रखने की बात थी पर वक्त बीतने सगं लागत बढ़ने से इस पर फिर से काम हुआ मंत्रालय ने किराए कम रखने व इस रास्ते पर परिवहन के अन्य माध्यमों संग प्रतिस्पर्धकता बनाने की कोशिश की है वही आपको बता दे कि किराए का प्रस्ताव आइआइएम अहमदाबाद ने तैयार किया है किराया निर्धारण को तीन दौर की बैठक हुई है वही चुनावी दौर में किराया अधिक न रखने को लेकर पीएमओ का भी दखल रह सकता है की दिल्ली मेरठ ट्रैफिक ट्रेन शहरी परिवहन को सुगम आसन समय से जल्दी पहुंचना और भरोसेमंद बनने की बड़ी परियोजना है इस समय दिल्ली से मेरठ के लिए कई विकल्प मौजूद है जिसमें रेलवे के साथ निजी वाहन से एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल और सार्वजनिक बस सेवा भी शामिल है