कश्मीरी छात्रों को डर का साया: पहलगाम हमले के बाद देहरादून में तनाव का माहौल?

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पखलगाम आतंकी हमले के बाद देहरादून में कश्मीरी छात्रों को धमकियां, पुलिस सतर्क

AIN NEWS 1: पखलगाम आतंकी हमले में सेना के जवानों की शहादत के बाद देशभर में आक्रोश की लहर है। इसी क्रम में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को धमकियां मिलने की घटनाएं सामने आई हैं। कई छात्रों ने बताया कि सोशल मीडिया और व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से उन्हें जान से मारने और वापस लौटने की चेतावनी दी जा रही है।

ABVP पर आरोप, लेकिन संगठन ने किया इनकार

कश्मीरी छात्रों ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े कुछ छात्र उन्हें धमका रहे हैं और “देशद्रोही” कहकर गालियां दे रहे हैं। हालांकि ABVP ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संगठन का कोई भी सदस्य इस तरह की हरकत नहीं करता। ABVP का कहना है कि वह राष्ट्रवादी विचारधारा का पालन करता है, लेकिन किसी भी निर्दोष छात्र को धमकाना उनकी नीति नहीं है।

सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेश

छात्रों के अनुसार, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर कई मैसेज आए जिनमें कहा गया कि “अब देखो तुम्हें कैसे बचाते हैं”, “तुम्हारे जैसे गद्दारों की जगह यहां नहीं है”, और “जाओ अपने कश्मीर वापस”। कुछ पोस्ट में यह भी लिखा गया कि ‘अगर आतंकवादी हमला कर सकते हैं तो देशभक्त जवाब भी दे सकते हैं’।

छात्रों में भय का माहौल

देहरादून के एक कॉलेज में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम बहुत डरे हुए हैं। हॉस्टल से बाहर निकलने में भी डर लगता है। हमें नहीं पता कि कब कोई आकर हमला कर दे।” उसने यह भी कहा कि कुछ स्थानीय छात्रों का व्यवहार अचानक बदल गया है और अब वे बात करने से भी कतराते हैं।

कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया

देहरादून के कई प्रमुख कॉलेजों ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए सुरक्षा बढ़ा दी है। कुछ संस्थानों ने कश्मीरी छात्रों को अलग-अलग हॉस्टलों में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया है और उनके लिए काउंसलिंग सेशन भी शुरू किए हैं। एक कॉलेज के प्राचार्य ने कहा, “हम छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।”

उत्तराखंड पुलिस की सतर्कता

उत्तराखंड पुलिस ने पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए कश्मीरी छात्रों के हॉस्टलों और कॉलेज परिसरों के पास गश्त बढ़ा दी है। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सभी संस्थानों को अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “कोई भी कानून हाथ में लेगा, तो उस पर तुरंत कार्रवाई होगी।”

प्रशासन की अपील: अफवाहों से बचें

देहरादून जिला प्रशासन ने आम जनता और छात्रों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी प्रकार की धमकी या अनुचित व्यवहार की सूचना तुरंत पुलिस को दें। प्रशासन ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को भी तेज कर दिया है।

मानवाधिकार संगठनों की चिंता

मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना को लेकर चिंता जताई है। “ह्यूमन राइट्स फोरम” नामक संगठन ने एक बयान जारी कर कहा कि छात्रों को किसी भी आतंकवादी घटना की सामूहिक सजा नहीं दी जा सकती। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार और प्रशासन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।

छात्रों के परिजन चिंतित

कश्मीर में बैठे छात्रों के परिजन बेहद चिंतित हैं। एक छात्रा की मां ने बताया, “हर दिन बेटी से बात करती हूं। डर लगता है कि कहीं कुछ हो न जाए। वो तो सिर्फ पढ़ाई के लिए गई है, फिर उसे क्यों टारगेट किया जा रहा है?”

पहले भी हुए हैं ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है जब किसी आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों को देश के अलग-अलग हिस्सों में निशाना बनाया गया हो। पुलवामा हमले के बाद भी उत्तर भारत में कई जगह छात्रों पर हमले हुए थे और कई को वापस लौटना पड़ा था। ये घटनाएं दिखाती हैं कि हर बार आतंकवाद के नाम पर निर्दोष छात्रों को शक की नजर से देखा जाता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इन घटनाओं की निंदा की है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “देश के किसी भी हिस्से में कोई भी छात्र असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए, चाहे वो किसी भी क्षेत्र या धर्म से आता हो।” वहीं, बीजेपी ने भी कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि “कुछ छात्रों की गतिविधियां संदेहास्पद होती हैं, इसलिए सतर्कता जरूरी है।”

समाधान की ओर बढ़ते कदम

राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग, पुलिस और कॉलेज प्रशासन के साथ बैठक कर छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। इसके तहत हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, जिन पर छात्र किसी भी आपात स्थिति में संपर्क कर सकते हैं।

पखलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों को देहरादून जैसे शिक्षण केंद्रों में निशाना बनाया जाना न केवल संविधान के मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि इससे युवाओं में भय और अविश्वास का माहौल बनता है। हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह नफरत की जगह शांति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा दे। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

After the recent Pahalgam terror attack, several Kashmiri students studying in Dehradun have reported receiving threats. The incident has triggered tension in educational institutions across Uttarakhand. Student organizations like ABVP have been accused of intimidation, though they deny involvement. The local police have stepped up security, and college administrations are on alert. This situation highlights the vulnerability of students from conflict zones and the importance of ensuring their safety in academic spaces.

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