AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में शहरी आबादी की ही तरह से अब प्रदेश के सभी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी अपने किसी भी मकान पर बैंकों से ऋण आसानी से ले सकेंगे। खरीद- फरोख्त के बाद उनके घरों का भी नामांतरण हो सकेगा और इनकी विरासत भी आसानी से हो सकेगी। उत्तर प्रदेश सरकार इसके लिए जल्द ही उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2024 को अब विधानसभा से पास करवा कर लागू करने की पूरी तैयारी में है। कुल 90866 गांवों में ड्रोन से सर्वे हुआ है। यूपी के कुल 52448 गांवों में कुल 75 लाख 31 हजार 29 घरौनी तैयार हैं।दरअसल, यहां हम आपको बता दें भारत सरकार ने वर्ष 2020 में स्वामित्व योजना के तहत ही प्रदेश के ग्रामीण आबादी क्षेत्रों का सर्वे कर ग्रामीणों के स्वामित्व संबंधी अभिलेख राजस्व परिषद की देखरेख में भी बनाना शुरू किया है। इसके लिए ही उप्र राजस्व संहिता 2006 में दिए गए प्रावधानों के तहत ही उप्र आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया नियमावती-2020 लागू की गई थी। इस नियमावली में भी घरौनी तै करने की पूरी व्यवस्था तो है लेकिन आपका नामांतरण यानी घर बेचने-खरीदने पर स्वामी का नाम चढ़ाने, वरासत दर्ज कराने एवं संशोधन किए जाने की पूरी व्यवस्था नहीं थी।राजस्व परिषद के अध्यक्ष हेमंत राव ने इस दौरान बताया कि नामांतरण, वरासत दर्ज कराने और संशोधन किए जाने के लिए नए विधेयक बनाने की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस की गई है। इसके बनने के बाद ही ग्रामीण आबादी में नामांतर, वरासत व संशोधन आसानी से हो सकेंगे। इसके बनाने के बाद ही ग्रामीण अबादी बैंकों में इन घरों को गिरवी रखकर लोन भी ले सकेंगे। इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश आबादी अभिलेख विधेयक-20 का ड्राफ्ट पूरी तरह से तैयार किया गया है। इस विधेयक में आबादी सर्वेक्षण कर घरौनी तैयार करने, घरौनी में किसी त्रुटि होने पर उसमे सुधार करने, वरासत दर्ज करने के प्रावधान भी किए गए हैं। इस कानून के लागू होने के बाद ही ग्रामीण जनता को बहुत लाभ होंगे। ग्रामीण आबादी के स्वामित्व संबंधी विवादों में भी काफ़ी कमी आएगी।