Yogi Government Orders UP Schools to Pay Tribute to Dr. K. Kasturirangan During Morning Assembly
योगी सरकार का आदेश: अब स्कूलों की प्रार्थना सभा में डॉ. कस्तूरीरंगन को किया जाएगा याद
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के सभी परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए एक नया निर्देश जारी किया है। यह निर्देश 28 अप्रैल से लागू हुआ है, जिसके तहत स्कूलों की प्रार्थना सभा के दौरान महान वैज्ञानिक और शिक्षाविद् डॉ. के. कस्तूरीरंगन के जीवन, वैज्ञानिक योगदान और शिक्षा सुधार में उनके कार्यों की जानकारी विद्यार्थियों को दी जाएगी।
यह फैसला डॉ. कस्तूरीरंगन के हाल ही में हुए निधन के बाद लिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि उनका जीवन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस दिशा में, प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में उनकी तस्वीर प्रदर्शित की जाएगी और उनके जीवन से जुड़ी बातें बच्चों को बताई जाएंगी।
डॉ. कस्तूरीरंगन कौन थे?
डॉ. के. कस्तूरीरंगन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में विश्व पटल पर स्थापित किया। इसके अलावा, वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के प्रमुख शिल्पकार भी थे। उनके प्रयासों से भारत की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव आया।
उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे एक साधारण पृष्ठभूमि से आए थे लेकिन अपने ज्ञान और परिश्रम से असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंचे। उनका जीवन संदेश देता है कि कोई भी व्यक्ति अपनी मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है।
योगी सरकार का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस पहल का मकसद यह है कि छात्रों में वैज्ञानिक सोच, नवाचार और राष्ट्र सेवा की भावना विकसित हो। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि डॉ. कस्तूरीरंगन का जीवन बच्चों को यह सिखाता है कि कैसे अपने सपनों को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “यह हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हम उनके सपनों के भारत को साकार करने में पूरी शक्ति लगाएं।”
क्या करना होगा स्कूलों में?
1. प्रार्थना सभा में जानकारी देना: हर स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि डॉ. कस्तूरीरंगन के जीवन, कार्य और मूल्यों की जानकारी प्रतिदिन प्रार्थना सभा के दौरान दी जाए।
2. चित्र लगाना अनिवार्य: डॉ. कस्तूरीरंगन का चित्र विद्यालयों में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा।
3. प्रेरणादायक विचारों को अपनाना: बच्चों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने और वैज्ञानिक सोच अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
4. रोजाना संवाद: शिक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे प्रार्थना के समय एक छोटा संवाद या कहानी के रूप में डॉ. कस्तूरीरंगन के जीवन से कोई बात जरूर साझा करें।
शिक्षा नीति और डॉ. कस्तूरीरंगन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में बड़े परिवर्तन की पहल थी। इसकी रचना में डॉ. कस्तूरीरंगन की भूमिका केंद्रीय थी। इस नीति के माध्यम से शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, छात्र-केंद्रित और ज्ञान आधारित बनाने का प्रयास किया गया।
अब जब यह नीति स्कूलों में लागू की जा रही है, तब सरकार चाहती है कि छात्र उस महान व्यक्तित्व से परिचित हों जिसने इसे आकार दिया।
छात्रों में वैज्ञानिक सोच का विकास
सरकार का यह भी कहना है कि हर विद्यालय “वैज्ञानिक प्रयोगशाला” बने—जहां बच्चे केवल पढ़ाई न करें, बल्कि नवाचार, प्रयोग और सवाल पूछने की आदत डालें। हर बच्चा डॉ. कस्तूरीरंगन बनने का सपना देखे, यही लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल विद्यार्थियों को एक महान वैज्ञानिक और शिक्षाविद् से जोड़ने का प्रयास है। यह न सिर्फ श्रद्धांजलि का तरीका है, बल्कि बच्चों को विज्ञान, शिक्षा और नवाचार की दिशा में प्रेरित करने का भी माध्यम है। अगर यह पहल सही ढंग से लागू की जाती है, तो आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
The Yogi government has issued a directive mandating all schools in Uttar Pradesh, including Kasturba Gandhi Balika Vidyalayas, to pay tribute to Dr. K. Kasturirangan during morning assemblies from April 28. Known for his pivotal role as the former ISRO chief and chief architect of the National Education Policy 2020, Dr. Kasturirangan’s life and achievements in science and education reform will now be shared with students. Schools will also display his photograph and encourage students to adopt his values. This initiative aims to instill scientific thinking, innovation, and a sense of national service among young minds in UP.