Dolo Tablet: देश में कोरोना वायरस का कहर काफी देखने को मिला था. अभी भी कोरोना के नए मामले हर रोज सामने आ रहे हैं. वहीं कोरोना के दौरान होने इस वाली बुखार की रोकथाम के लिए पिछले दिनों डॉक्टर्स के जरिए Dolo-650 (डोलो-650) दवाई के इस्तेमाल की काफी सलाह दी गई थी. इसके बाद से ही कोरोना की दूसरी लहर में जुखाम, खांसी, बुखार के लिए Dolo-650 दवा लोगों की दी जाने लगी और ये दवाई काफी प्रसिद्ध हुई थी. हालांकि बाजार में काफी सारी बुखार की दवाई होने के बाद भी डोलो-650 ही क्यों दी गई? किस लिए होता है दवा का इस्तेमाल
बता दें कि डोलो-650 एक दवा कंपनी की दवाई का नाम है. इस दवाई का इस्तेमाल बुखार और दर्द कम करने के लिए किया जाता है. वहीं कोरोना की दूसरी लहर में इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया. वहीं इस दवा के प्रसिद्ध होने का कारण ये भी है कि कोरोना की दूसरी लहर में ये दवाई आसानी से उपलब्ध थी और डॉक्टर के पर्चे में भी इस दवा को लेने की सलाह दी जाती थी. इस वजह से लोगों ने इसे लेना शुरू किया. उस वक्त कई सरकारी किट में भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा रहा था.डिमांड और सप्लाई
वहीं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान क्रोसिन दवाई की सप्लाई भी सही स्तर पर नहीं हो रही थी. ये भी कारण है कि डोलो की उस दौरान अच्छी सप्लाई होने के कारण यह लोगों को आसानी उपलब्ध हो रही थी. वहीं बुखार की दवा के कई दूसरे ऑप्शन डोलो से ज्यादा महंगे थे, जिसके कारण भी लोगों ने डोलो का ज्यादा सेवन किया. ऐसे में कोरोना में बढ़ी डिमांड के बीच यह दवा काफी प्रसिद्ध हो गई. हालांकि अब डोलो-650 दवा बनाने वाली कंपनी पर हाल ही में आयकर विभाग ने छापेमारी की है.आयकर विभाग की छापेमारी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो-650 दवा बनाने वाली कंपनी के खिलाफ अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के बदले डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों को लगभग 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार देने का आरोप लगाया है. आयकर विभाग ने छह जुलाई को बेंगलुरु स्थित माइक्रो लैब्स लिमिटेड के नौ राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी की ओर बाद यह दावा किया है.
जब्त की ये चीजें
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के बाद विभाग ने 1.20 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 1.40 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण जब्त किए हैं. इस संबंध में माइक्रो लैब्स को भेजे गए ई-मेल का कंपनी ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है.
आपत्तिजनक सबूत मिले
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में आपत्तिजनक सबूत मिले हैं और उन्हें कब्जे मे कर लिया गया है.’’ बोर्ड के अनुसार, ‘‘सबूतों से संकेत मिलता है कि समूह ने अपने उत्पादों/ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए अनैतिक प्रथाओं को अपनाया है. इस तरह के मुफ्त उपहारों की राशि लगभग 1,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.’’ सीबीडीटी ने हालांकि अभी अपने बयान में समूह की पहचान नहीं की है लेकिन सूत्रों ने पुष्टि की है कि यह समूह माइक्रो लैब्स ही हैं