AIN NEWS 1 नागपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को अपने संबोधन में कहा कि एक साल से मणिपुर जल रहा है उसमे पूरे एक साल में शांति बहाल नहीं हुई है इस पर उन्होने अपनी चिंता जताई और कहा कि इस तरह से संघर्ष से जूझ रहे राज्य की स्थिति पर पूरी प्राथमिकता से विचार किया जाना चाहिए। डा. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में ही आरएसएस प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ़ कहा कि विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष अच्छा बिलकुल नहीं है।
उन्होने कहा राज्य में 10 साल पहले शांति थी- संघ प्रमुख
इस दौरान संघ प्रमुख ने चुनावी बयानबाजी से काफ़ी ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर ही बल दिया। कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से लगातार शांति का इंतजार कर रहा है। इस राज्य में 10 साल पहले काफ़ी शांति थी। अब ऐसा मालूम पड़ता था कि वहां पर बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में अचानक हिंसा देखी गई।एक साल से लगातार मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले वह 10 साल शांत रहा। इस दौरान पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा। और अचानक से जो कलह वहां पर उपजा या किसी के द्वारा उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक राज्य जल रहा है, वह त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर आखिर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह तो कर्तव्य है। -…
एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले 10 साल शांत रहा। पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा। और अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है। -… pic.twitter.com/9VHzw8h5jE
— RSS (@RSSorg) June 10, 2024
उन्होने कहा मणिपुर की स्थिति पर हो विचार
भागवत ने इस दौरान कहा कि मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ मे विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने आने वाली प्रत्येक समस्याओं पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
इस राज्य में पिछले साल भड़की थी हिंसा
यहां हम आपको बता दें मणिपुर में पिछले साल मई में मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच मे हिंसा भड़क उठी थी। तब से लेकर अब तक करीब इसमें 200 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि बड़े पैमाने पर यहां हुई आगजनी के कारण हजारों लोग विस्थापित भी हो गए हैं। इस आगजनी में वहा पर घरों और सरकारी इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। पिछले कुछ दिनों में भी जिरीबाम से ताजा हिंसा की खबरें भी आई हैं।