Wednesday, January 15, 2025

बरेली: फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक पर आरोप, स्मैक तस्करों से वसूली और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया?

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AIN NEWS 1: बरेली के फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन्हें सत्तापक्ष के एक विधायक का रिश्तेदार बताया जा रहा है, जिसकी वजह से वे अपनी दबंगई से थानेदारी कर रहे थे। इंस्पेक्टर रामसेवक पर खनन, नशा, जुआ और सट्टा जैसे अवैध धंधों में संलिप्त रहने का आरोप है। उन्हें स्मैक तस्करों से वसूली करने और रिश्वत लेकर आरोपियों को छोड़ने का भी आरोप है।

इंस्पेक्टर की दबंगई और वसूली के तरीके

फरीदपुर थाने में इंस्पेक्टर रामसेवक ने अपने भ्रष्टाचार का एक अलग ही तरीका अपनाया था। वह हर प्रार्थना पत्र पर अपने सिपाहियों से वसूली कराता था और थाने के समानांतर एक अलग थाना चला रहा था। स्मैक तस्करों से वसूली के लिए उसने विशेष स्टाफ नियुक्त किया था। तस्करों से सात लाख रुपये रिश्वत लेकर उसने दो तस्करों को छोड़ दिया। एसएसपी के निर्देश पर एसपी दक्षिणी ने थाने में छापा मारा, जिससे इंस्पेक्टर के काले कारनामे सामने आए।

तस्करों और अवैध धंधों को संरक्षण

फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर पर तस्करों को संरक्षण देने का भी आरोप था। कई इलाके जैसे पढ़ेरा, बेहरा, मोहनपुर, मोहल्ला ऊंचा, भूरे खां गौंटिया और मोहल्ला मिर्धान में स्मैक तस्करी होती रही है, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। बीट सिपाही भी तस्करों से वसूली करने में लगे थे, और उनकी शिकायतें भी नजरअंदाज की जाती थीं।

खनन और जुआ-सट्टा का संरक्षण

इंस्पेक्टर रामसेवक की देखरेख में रात के समय खनन भी पुलिस संरक्षण में होता था। बिना अनुमति खनन करने के बदले वह दस हजार रुपये प्रति रात रिश्वत लेता था। इसके अलावा, शहर में ऑनलाइन सट्टा और बड़ा जुआ चल रहा था, जिसमें पुलिस की जानकारी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी।

इंस्पेक्टर की निजी संपत्ति और तैनाती

रामसेवक हरदोई के सुरसा थाना क्षेत्र के गांव पीपरपाली का निवासी है। उसने पुलिस की नौकरी में काफी संपत्ति अर्जित की है, जिसमें लखनऊ में आलीशान कोठी भी शामिल है। वह पिछले साल नवंबर से फरीदपुर कोतवाली में तैनात था, और लखनऊ और हरदोई के नजदीकी रिश्तों का लाभ उठाकर अपनी तैनाती फरीदपुर में कराई थी।

रिश्वत और गिरफ्तारियां

स्मैक तस्करी के आरोप में पकड़े गए तीन आरोपियों से इंस्पेक्टर ने 15 लाख रुपये की मांग की थी, जो बाद में साढ़े दस लाख रुपये में तय हुई। सात लाख रुपये लेकर दो तस्करों को छोड़ दिया गया। हाल ही में एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर एसपी दक्षिणी ने इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी ली, जहां से 9.85 लाख रुपये बरामद किए गए। इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।

फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ उठे इस मामले ने नगर में चर्चा का विषय बना दिया है, और इसके परिणामस्वरूप पुलिस विभाग की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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